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सीआरपीसी की धारा 447 | प्रतिभू के दिवालिया हो जाने या उसकी मृत्यु हो जाने या बन्धपत्र का समपहरण हो जाने की दशा में प्रक्रिया | CrPC Section- 447 in hindi| Procedure in case of insolvency or death of surety or when a bond is forfeited.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 447 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 447 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 447 का विवरण

दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 447 के अन्तर्गत जब इस संहिता के अधीन बन्धपत्र का कोई प्रतिभू दिवालिया हो जाता है या मर जाता है। अथवा जब किसी बन्धपत्र का धारा 446 के उपबन्धों के अधीन समपहरण हो जाता है तब वह न्यायालय, जिसके आदेश से ऐसा बन्धपत्र लिया गया था या प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट उस व्यक्ति को, जिससे ऐसी प्रतिभूति मांगी गई थी, यह आदेश दे सकता है कि वह मूल आदेश के निदेशों के अनुसार नई प्रतिभूति दे और यदि ऐसी प्रतिभूति न दी जाए तो वह न्यायालय या मजिस्ट्रेट ऐसे कार्यवाही कर सकता है मानो उस मूल आदेश के अनुपालन में व्यतिक्रम किया गया है।

सीआरपीसी की धारा 447 के अनुसार

प्रतिभू के दिवालिया हो जाने या उसकी मृत्यु हो जाने या बन्धपत्र का समपहरण हो जाने की दशा में प्रक्रिया–

जब इस संहिता के अधीन बन्धपत्र का कोई प्रतिभू दिवालिया हो जाता है या मर जाता है। अथवा जब किसी बन्धपत्र का धारा 446 के उपबन्धों के अधीन समपहरण हो जाता है तब वह न्यायालय, जिसके आदेश से ऐसा बन्धपत्र लिया गया था या प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट उस व्यक्ति को, जिससे ऐसी प्रतिभूति मांगी गई थी, यह आदेश दे सकता है कि वह मूल आदेश के निदेशों के अनुसार नई प्रतिभूति दे और यदि ऐसी प्रतिभूति न दी जाए तो वह न्यायालय या मजिस्ट्रेट ऐसे कार्यवाही कर सकता है मानो उस मूल आदेश के अनुपालन में व्यतिक्रम किया गया है।

Procedure in case of insolvency or death of surety or when a bond is forfeited-
When any surety to a bond under this Code becomes insolvent or dies, or when any bond is forfeited under the provisions of Section 446, the Court by whose order such bond was taken, or a Magistrate of the first class may order the person from whom such security was demanded to furnish fresh security in accordance with the directions of the original order, and if such security is not furnished, such Court or Magistrate may proceed as if there had been a default in complying with such original order.

हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 447 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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