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सीआरपीसी की धारा 469 | परिसीमा-काल का प्रारम्भ | CrPC Section- 469 in hindi| Commencement of the period of limitation.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 469 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 469 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 469 का विवरण

दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 469 के अन्तर्गत जहां अपराध के किए जाने की जानकारी अपराध द्वारा व्यथित व्यक्ति को या किसी पुलिस अधिकारी को नहीं है वहां उस दिन प्रारम्भ होगा जिस दिन प्रथम बार ऐसे अपराध की जानकारी ऐसे व्यक्ति या ऐसे पुलिस अधिकारी को होती है, इनमें से जो भी पहले हो; या जहां यह ज्ञात नहीं है कि अपराध किसने किया है, वहां उस दिन प्रारम्भ होगा जिस दिन प्रथम बार अपराधी का पता अपराध द्वारा व्यथित व्यक्ति को या अपराध का अन्वेषण करने वाले पुलिस अधिकारी को चलता है, इनमें से जो भी पहले हो।

सीआरपीसी की धारा 469 के अनुसार

परिसीमा-काल का प्रारम्भ-

(1) किसी अपराधी के सम्बन्ध में परिसीमा काल-
(क) अपराध की तारीख को प्रारम्भ होगा; या
(ख) जहां अपराध के किए जाने की जानकारी अपराध द्वारा व्यथित व्यक्ति को या किसी पुलिस अधिकारी को नहीं है वहां उस दिन प्रारम्भ होगा जिस दिन प्रथम बार ऐसे अपराध की जानकारी ऐसे व्यक्ति या ऐसे पुलिस अधिकारी को होती है, इनमें से जो भी पहले हो; या
(ग) जहां यह ज्ञात नहीं है कि अपराध किसने किया है, वहां उस दिन प्रारम्भ होगा जिस दिन प्रथम बार अपराधी का पता अपराध द्वारा व्यथित व्यक्ति को या अपराध का अन्वेषण करने वाले पुलिस अधिकारी को चलता है, इनमें से जो भी पहले हो।
(2) उक्त अवधि की संगणना करने में, उस दिन को छोड़ दिया जाएगा जिस दिन ऐसी अवधि को संगणना की जानी है।

Commencement of the period of limitation-
(1) The period of limitation in relation to an offender, shall commence,-
(a) on the date of the offence; or
(b) where the commission of the offence was not known to the person aggrieved by the offence or to any police officer, the first day on which such offence comes to the knowledge of such person or to any police officer, whichever is earlier; or
(c) where it is not known by whom the offence was committed, the first day on which the identity of the offender is known to the person aggrieved by the offence or to the police officer making investigation into the offence, whichever is earlier.
(2) In computing the said period, the day from which such period is to be computed shall be excluded.

हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 469 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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