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सीआरपीसी की धारा 480 | विधि-व्यवसाय करने वाले प्लीडर का कुछ न्यायालयों में मजिस्ट्रेट के तौर पर न बैठना | CrPC Section- 480 in hindi| Practising pleader not to sit as Magistrate in certain Courts.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 480 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 480 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 480 का विवरण

दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 480 के अन्तर्गत कोई प्लीडर, जो किसी मजिस्ट्रेट के न्यायालय में विधि-व्यवसाय करता है, उस न्यायालय में या उस न्यायालय की स्थानीय अधिकारिता के अन्दर किसी न्यायालय में मजिस्ट्रेट के तौर पर न बैठेगा।

सीआरपीसी की धारा 480 के अनुसार

विधि-व्यवसाय करने वाले प्लीडर का कुछ न्यायालयों में मजिस्ट्रेट के तौर पर न बैठना–

कोई प्लीडर, जो किसी मजिस्ट्रेट के न्यायालय में विधि-व्यवसाय करता है, उस न्यायालय में या उस न्यायालय की स्थानीय अधिकारिता के अन्दर किसी न्यायालय में मजिस्ट्रेट के तौर पर न बैठेगा।

Practising pleader not to sit as Magistrate in certain Courts-
No pleader who practises in the Court of any Magistrate shall sit as a Magistrate in that Court or in any Court within the local jurisdiction of that Court.

हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 480 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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