नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 88 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 88 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 88 का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 88 किसी मामले के न्यायालय मे निश्चित तिथि एवंम् समय पर उपस्थित होना, आवश्यक होता है इसलिये किन्ही किन्ही मामलो मे न्यायालय व्यक्ति की प्रकृति अथवा न्यायालय के पीठासीन अधिकारी को यह भान हो जाता है कि व्यक्ति इस मामले मे हीला हवाली करेगा, तो वह धारा 88 के अंतर्गत न्यायालय को यह अधिकार है कि वह उस व्यक्ति से उपस्थित होने के लिये बन्धपत्र ले सकता है।
वैसे किसी न्यायालय को यह अधिकार होता है कि कोई व्यक्ति निश्चित समय पर उपस्थित होगा या नही, लेकिन वह निश्चित समय पर समन प्राप्त करने के पश्चात् भी उपस्थित नहीं होता है, तो न्यायालय उसे CrPC की धारा 88 के अंतर्गत न्यायालय को यह अधिकार होता है कि वह उस व्यक्ति को उस मामले की निष्पक्ष जांच पूर्ण करने और समय पर उपस्थित होने के लिये बन्धपत्र ले सकता हैॊ।
सीआरपीसी की धारा 88 के अनुसार
हाजिरी के लिए बन्धपत्र लेने की शक्ति-
जब कोई व्यक्ति, जिसकी हाजिरी या गिरफ्तारी के लिए किसी न्यायालय का पीठासीन अधिकारी समन या वारण्ट जारी करने के लिए सशक्त है, ऐसे न्यायालय में उपस्थित है तब वह अधिकारी उस व्यक्ति से अपेक्षा कर सकता है कि वह उस न्यायालय में या किसी अन्य न्यायालय में, जिसको मामला विचारण के लिए अन्तरित किया जाता है, अपनी हाजिरी के लिए बन्धपत्र, प्रतिभुओं सहित या रहित, निष्पादित करे।
Power to take bond for appearance-
When any person for whose appearance or arrest the officer presiding in any Court is empowered to issue a summons or warrant, is present in such Court, such officer may require such person to execute a bond, with or without sureties, for his appearance in such Court, or any other Court to which the case may be transferred for trial.
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 88 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।