नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 93 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 93 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 93 का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 93 के अन्तर्गत जब कोई न्यायालय अथवा पुलिस अधिकारी किसी मामले की जांच के हेतु किसी दस्तावेज अथवा किसी वस्तु को प्रस्तुत करने का निर्देश देते है, लेकिन व्यक्ति व्दारा निर्देश का पालन नही किया जाता है, तो न्यायालय अथवा पुलिस अधिकारी व्यक्ति को तलाशी वारंट जारी भी जारी कर सकता है, यह धारा 93 के अंतर्गत उस न्यायालय के अधिकारी अथवा पुलिस अधिकारी द्वारा उस व्यक्ति को साक्ष्य, दस्तावेज अथवा कोई वस्तु नियत तिथि को प्रस्तुत न करने पर तलाशी-वारण्ट कब जारी किया जा सकता है यह बतलाती है।
जब न्यायालय अथवा पुलिस अधिकारी द्वारा किसी मामले में जांच के समय किसी वस्तु अथवा दस्तावेज को प्रस्तुत करने के निर्देश देती है, लेकिन व्यक्ति व्दारा निर्देश का पालन नही किया जाता है, तो न्यायालय अथवा पुलिस अधिकारी को यह शक्ति होती है कि वह वस्तु अथवा दस्तावेज जांच हेतु न्यायालय मे प्रस्तुत करायेे अन्यथा न्यायालय तलाशी-वारण्ट जारी कर सकती है।
सीआरपीसी की धारा 93 के अनुसार
तलाशी-वारण्ट कब जारी किया जा सकता है-
(1) (क) जहां किसी न्यायालय को यह विश्वास करने का कारण है कि वह व्यक्ति, जिसको धारा 91 के अधीन समन या आदेश या धारा 92 की उपधारा (1) के अधीन अपेक्षा सम्बोधित की गई या की जाती है, आदेश ऐसे समन या अपेक्षा द्वारा यथा अपेक्षित दस्तावेज या चीज पेश नहीं करेगा या हो सकता है कि पेश न करे; अथवा
(ख) जहां ऐसी दस्तावेज या चीज के बारे में न्यायालय को यह ज्ञात नहीं है कि वह किसी व्यक्ति के कब्जे में है; अथवा
(ग) जहां न्यायालय यह समझता है कि इस संहिता के अधीन किसी जांच, विचारण या अन्य कार्यवाही के प्रयोजनों की पूर्ति साधारण तलाशी या निरीक्षण से होगी;
वहां वह तलाशी-वारण्ट जारी कर सकता है; और वह व्यक्ति जिसे ऐसा वारण्ट निदिष्ट है, उसके अनुसार और इसमें इसके पश्चात् अन्तर्विष्ट उपबन्धों के अनुसार तलाशी ले सकता है या निरीक्षण कर सकता है।
(2) यदि, न्यायालय ठीक समझता है, तो वह वारण्ट में उस विशिष्ट स्थान या उसके भाग को विनिर्दिष्ट कर सकता है और केवल उसी स्थान या भाग की तलाशी या निरीक्षण होगा; तथा वह व्यक्ति जिसको ऐसे वारण्ट के निष्पादन का भार सौंपा जाता है, केवल उसी स्थान या भाग की तलाशी लेगा या निरीक्षण करेगा जो ऐसे विनिर्दिष्ट है।
(3) इस धारा की कोई बात जिला मजिस्ट्रेट या मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से भिन्न मजिस्ट्रेट को डाक या तार प्राधिकारी की अभिरक्षा में किसी दस्तावेज, पार्सल या अन्य चीज की तलाशी के लिए वारण्ट जारी करने के लिए प्राधिकृत नहीं करेगी।
When search-warrant may be issued-
(1) (a) Where any Court has reason to believe that a person to whom a summons or order under Section 91 or a requisition under sub-section (1) of Section 92 has been, or might be, addressed, will not or would not produce the document or thing as required by such summons or requisition, or
(b) where such document or thing is not known to the Court to be in the possession of any person, or
(c) where the Court considers that the purposes of any inquiry, trial or other proceeding under this Code will be served by a general search or inspection,
it may issue a search-warrant; and the person to whom such warrant is directed, may search or inspect in accordance therewith and the provisions hereinafter contained.
(2) The Court may, if it thinks fit, specify in the warrant the particular place or part thereof to which only the search or inspection shall extend; and the person charged with the execution of such warrant shall then search or inspect only the place or part so specified.
(3) Nothing contained in this section shall authorise any Magistrate other than District Magistrate or Chief Judicial Magistrate to grant a warrant to search for a document, parcel or other thing in the custody of the postal or telegraph authority.
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 93 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।