दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 10 | राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति | Dowry Prohibition Act, Section- 10 in in hindi | Power of the State Government to make rules.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 10 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दहेज प्रतिषेध की धारा- 10, साथ ही इस धारा के अंतर्गत क्या परिभाषित किया गया है, यह सभी जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा- 10 का विवरण

दहेज प्रतिषेध अधिनियम (Dowry Prohibition Act) की धारा -10 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। इस धारा के अन्तर्गत राज्य सरकार, इस अधिनियम के प्रयोजन को कार्यान्वित करने के लिए, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, नियम बना सकेगी। राज्य सरकार द्वारा इस धारा के अधीन बनाया गया प्रत्येक नियम बनाए जाने के पश्चात्‌ यथाशीघ्र राज्य विधान-मंडल के समक्ष रखा जाएगा।

दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा- 10 के अनुसार

राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति –

(1) राज्य सरकार, इस अधिनियम के प्रयोजन को कार्यान्वित करने के लिए, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, नियम बना सकेगी ।
(2) विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव वाले बिना, ऐसे नियमों में निम्नलिखित सभी या किन्हीं विषयों के लिए उपबंध किया जा सकेगा, अर्थात्‌: –
(क) दहेज प्रतिषेध अधिकारियों द्वारा धारा 8ख की उपधारा (2) के अधीन पालन किए जाने वाले अतिरिक्त कृत्य;
(ख) वे परिसीमाएं और शर्तें जिनके अधीन रहते हुए दहेज प्रतिषेध अधिकारी धारा 8ख की उपधारा (3) के अधीन अपने कृत्यों का प्रयोग कर सकेंगे।
(3) राज्य सरकार द्वारा इस धारा के अधीन बनाया गया प्रत्येक नियम बनाए जाने के पश्चात्‌ यथाशीघ्र राज्य विधान-मंडल के समक्ष रखा जाएगा।

Power of the State Government to make rules—
(1) The State Government may, by notification in the Official Gazette, make rules for carrying out the purposes of this Act.
(2) In particular, and without prejudice to the generality of the foregoing power, such rules may provide for all or any of the following matters, namely:—
(a) the additional functions to be performed by the Dowry Prohibition Officers under sub-section (2) of section 8B;
(b) limitations and conditions subject to which a Dowry Prohibition Officer may exercise his functions under sub-section (3) of section 8B.
(3) Every rule made by the State Government under this section shall be laid as soon as may be after it is made before the State Legislature.

हमारा प्रयास दहेज प्रतिषेध अधिनियम (Dowry Prohibition Act) की धारा 10 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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