अपराध दो प्रकार के होते है एक सज्ञेय अपराध और दूसरा असंज्ञेय अपराध
जब भी कोई संज्ञेय अपराध होता है तो FIR करानी चाहिए फिर भी अगर पुलिस आपकी FIR लिखने से मना करती है तो आपको अपने जिले के पुलिस अधीक्षक को शिकायत करनी चाहिये, आप शिकायत पुलिस अधीक्षक के पास जा कर अथवा डाक के व्दारा भी कर सकते है, उसके बाद भी आपकी अगर कोई सुनवाई नही होती है तो आपको CRPC- 156(3) के तहत मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के पास यह पावर होती है कि वह पुलिस को आर्डर दे कि आपके अपराध पर FIR दर्ज करे । इसके बावजूद भी कभी कभी ऐसा होता है मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पुलिस को आपकी FIR लिखने का आर्डर न देकर आपके अपराध की जांच करके FIR दर्ज करने का आदेश देती है ।
मै पिछसे 8 वर्षो से टैक्स सलाहकार के रूप मे कार्यरत् हूं, इसके अलावा मेरा शौक टैक्स सम्बन्धी आर्टिकल एवंम् कानून से सम्बन्धित जानकारियां आपके साथ साझा करने का है। पेशे से मै एक वकील एवंम् कर सलाहकार हूं।