भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 132 | Indian Contract Act Section 132

भारतीय संविदा अधिनियम Indian Contract Act (ICA Section-132) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 132 के अनुसार जब कि दो व्यक्ति किसी दायित्व को अपने ऊपर लेने की किसी तृतीय व्यक्ति से संविदा करते हैं और वे दोनों एक दूसरे के साथ भी यह संविदा करते हैं कि एक के व्यतिक्रम पर ही दूसरा दायी होगा, जिस संविदा का वह तृतीय व्यक्ति पक्षकार नहीं है, तब ऐसे दोनों व्यक्तियों में से हर एक के उस तृतीय व्यक्ति के प्रति प्रथम संविदा के अधीन दायित्व पर उस दूसरी संविदा के अस्तित्व का प्रभाव नहीं पड़ता, यद्यपि उस तृतीय व्यक्ति को उसके अस्तित्व की जानकारी रही हो, जिसे IC Act Section-132 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 132 (Indian Contract Act Section-132) का विवरण

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 132 IC Act Section-132 के अनुसार जब कि दो व्यक्ति किसी दायित्व को अपने ऊपर लेने की किसी तृतीय व्यक्ति से संविदा करते हैं और वे दोनों एक दूसरे के साथ भी यह संविदा करते हैं कि एक के व्यतिक्रम पर ही दूसरा दायी होगा, जिस संविदा का वह तृतीय व्यक्ति पक्षकार नहीं है, तब ऐसे दोनों व्यक्तियों में से हर एक के उस तृतीय व्यक्ति के प्रति प्रथम संविदा के अधीन दायित्व पर उस दूसरी संविदा के अस्तित्व का प्रभाव नहीं पड़ता, यद्यपि उस तृतीय व्यक्ति को उसके अस्तित्व की जानकारी रही हो।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 132 (IC Act Section-132 in Hindi)

प्रथमतः दायी दो व्यक्तियों के दायित्व पर उनके बीच के इस ठहराव का प्रभाव नहीं पड़ता कि उनमें से एक के व्यतिक्रम पर दूसरा प्रतिभू होगा-

जब कि दो व्यक्ति किसी दायित्व को अपने ऊपर लेने की किसी तृतीय व्यक्ति से संविदा करते हैं और वे दोनों एक दूसरे के साथ भी यह संविदा करते हैं कि एक के व्यतिक्रम पर ही दूसरा दायी होगा, जिस संविदा का वह तृतीय व्यक्ति पक्षकार नहीं है, तब ऐसे दोनों व्यक्तियों में से हर एक के उस तृतीय व्यक्ति के प्रति प्रथम संविदा के अधीन दायित्व पर उस दूसरी संविदा के अस्तित्व का प्रभाव नहीं पड़ता, यद्यपि उस तृतीय व्यक्ति को उसके अस्तित्व की जानकारी रही हो।
दृष्टांत-
क और ख संयुक्त और पृथक् दायित्व वाला एक वचनपत्र ग के पक्ष में लिख देते हैं। क उसे वास्तव में ख के प्रतिभू रूप में लिखता है और जिस समय वह वचनपत्र लिखा जाता है ग यह बात जानता है। यह तथ्य कि क ने यह वचनपत्र ख के प्रतिभू के रूप में ग की जानकारी में लिखा था वचनपत्र के आधार पर क के विरुद्ध ग द्वारा किए गए वाद का कोई उत्तर नहीं है।

Indian Contract Act Section-132 (IC Act Section-132 in English)

Liability of two persons, primarily liable, not affected by arrangement between them that one shall be surety on other’s default-

Where two persons contract with a third person to undertake a certain liability, and also contract with each other that one of them shall be liable only on the default of the other, the third person not being a party to such contract, the liability of each of such two persons to the third person under the first contract is not affected by the existence of the second contract, although such third person may have been aware of its existence.
Illustration
A and B make a joint and several promissory note to C. A makes it, in fact, as surety for B, and C knows this at the time when the note is made. The fact that A, to the knowledge of C, made the note as surety for B, is no answer to a suit by C against A upon the note.

हमारा प्रयास भारतीय संविदा अधिनियम (Indian Contract Act Section) की धारा 132 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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