भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 153 | Indian Contract Act Section 153

भारतीय संविदा अधिनियम Indian Contract Act (ICA Section-153) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 153 के अनुसा उपनिधान की संविदा उपनिधाता के विकल्प पर शून्यकरणीय है यदि उपनिहिती उपनिहित माल के सम्बन्ध में कोई ऐसा कार्य करे जो उपनिधान की शर्तों से असंगत हो, जिसे IC Act Section-153 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 153 (Indian Contract Act Section-153) का विवरण

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 153 IC Act Section-153 के अनुसार उपनिधान की संविदा उपनिधाता के विकल्प पर शून्यकरणीय है यदि उपनिहिती उपनिहित माल के सम्बन्ध में कोई ऐसा कार्य करे जो उपनिधान की शर्तों से असंगत हो।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 153 (IC Act Section-153 in Hindi)

उपनिहिती के ऐसे कार्य द्वारा, जो शर्तों से असंगत हो, उपनिधान का पर्यवसान-

उपनिधान की संविदा उपनिधाता के विकल्प पर शून्यकरणीय है यदि उपनिहिती उपनिहित माल के सम्बन्ध में कोई ऐसा कार्य करे जो उपनिधान की शर्तों से असंगत हो।
दृष्टांत
ख को एक घोड़ा उसकी अपनी सवारी के लिए क भाड़े पर देता है। ख उस घोड़े को अपनी गाड़ी में चलाता है। यह क के विकल्प पर उपनिधान का पर्यवसान है।

Indian Contract Act Section-153 (IC Act Section-153 in English)

Termination of bailment by bailee’s act inconsistent with conditions-

A contract of bailment is avoidable at the option of the bailor, if the bailee does any act with regard to the goods bailed, inconsistent with the conditions of the bailment.
Illustration
A lets to B, for hire, a horse for his own riding. B drives the horse in his carriage. This is, at the „option of A, a termination of the bailment.

हमारा प्रयास भारतीय संविदा अधिनियम (Indian Contract Act Section) की धारा 153 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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