भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 161 | Indian Contract Act Section 161

भारतीय संविदा अधिनियम Indian Contract Act (ICA Section-161) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 161 के अनुसार यदि उपनिहिती के दोष से माल उचित समय पर वापस या परिदत्त या निविदत्त न किया जाए तो उस समय से माल की किसी भी हानि, नाश या क्षय के लिए वह उपनिधाता के प्रति उत्तरदायी है, जिसे IC Act Section-161 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 161 (Indian Contract Act Section-161) का विवरण

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 161 IC Act Section-161 के अनुसार यदि उपनिहिती के दोष से माल उचित समय पर वापस या परिदत्त या निविदत्त न किया जाए तो उस समय से माल की किसी भी हानि, नाश या क्षय के लिए वह उपनिधाता के प्रति उत्तरदायी है।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 161 (IC Act Section-161 in Hindi)

जबकि माल सम्यक् रूप से वापस न किया जाए तब उपनिहिती का उत्तरदायित्व-

यदि उपनिहिती के दोष से माल उचित समय पर वापस या परिदत्त या निविदत्त न किया जाए तो उस समय से माल की किसी भी हानि, नाश या क्षय के लिए वह उपनिधाता के प्रति उत्तरदायी है।

Indian Contract Act Section-161 (IC Act Section-161 in English)

Bailee’s responsibility when goods are not duly returned-

If, by the default of the bailee, the goods are not returned, delivered or tendered at the proper time, he is responsible to the bailor for any loss, destruction or deterioration of the goods from that time.

हमारा प्रयास भारतीय संविदा अधिनियम (Indian Contract Act Section) की धारा 161 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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