भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 187 | Indian Contract Act Section 187

भारतीय संविदा अधिनियम Indian Contract Act (ICA Section-187) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 187 के अनुसार प्राधिकार अभिव्यक्त कहा जाता है जब कि वह मौखिक या लिखित शब्दों द्वारा दिया जाए । प्राधिकार विवक्षित कहा जाता है जबकि उसका अनुमान मामले की परिस्थितियों में करना हो और मौखिक या लिखित बातों या व्यवहार के मामूली अनुक्रम की मामले की परिस्थितियों में गणना की जा सकेगी, जिसे IC Act Section-187 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 187 (Indian Contract Act Section-187) का विवरण

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 187 IC Act Section-187 के अनुसार प्राधिकार अभिव्यक्त कहा जाता है जब कि वह मौखिक या लिखित शब्दों द्वारा दिया जाए । प्राधिकार विवक्षित कहा जाता है जबकि उसका अनुमान मामले की परिस्थितियों में करना हो और मौखिक या लिखित बातों या व्यवहार के मामूली अनुक्रम की मामले की परिस्थितियों में गणना की जा सकेगी।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 187 (IC Act Section-187 in Hindi)

अभिव्यक्त और विवक्षित प्राधिकार की परिभाषाएं-

प्राधिकार अभिव्यक्त कहा जाता है जब कि वह मौखिक या लिखित शब्दों द्वारा दिया जाए । प्राधिकार विवक्षित कहा जाता है जबकि उसका अनुमान मामले की परिस्थितियों में करना हो और मौखिक या लिखित बातों या व्यवहार के मामूली अनुक्रम की मामले की परिस्थितियों में गणना की जा सकेगी।
दृष्टांत
क, जो स्वयं कलकत्ते में रहता है, सीरामपुर में एक दुकान का स्वामी है और उस दुकान पर वह कभी-कभी जाता है। दुकान का प्रबंध ख द्वारा किया जाता है और क की जानकारी में बह दुकान के प्रयोजनों के लिए क के मामले में ग से माल आदिष्ट करता रहता है और क के कोष में से उसके लिए संदाय करता रहता है। दुकान के प्रयोजनों के लिए क के नाम में ग से माल आदिष्ट करने का क की ओर से ख को विवक्षित प्राधिकार है।

Indian Contract Act Section-187 (IC Act Section-187 in English)

Definitions of express and implied authority-

An authority is said to be express when it is given by words spoken or written. An authority is said to be implied when it is to be inferred from the circumstances of the case; and things spoken or written, or the ordinary course of dealing, may be accounted circumstances of the case.
Illustration
A owns a shop in Serampore, living himself in Calcutta, and visiting the shop occasionally. The shop is managed by B, and he is in the habit of ordering goods from C in the name of A for the purposes of the shop, and of paying for them out of A‟s funds with A‟s knowledge. B has an implied authority from A to order goods from C in the name of A for the purposes of the shop.

हमारा प्रयास भारतीय संविदा अधिनियम (Indian Contract Act Section) की धारा 187 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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