भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 201 | Indian Contract Act Section 201

भारतीय संविदा अधिनियम Indian Contract Act (ICA Section-201) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 201 के अनुसार अभिकरण का पर्यवसान मालिक द्वारा अपने प्राधिकार के प्रतिसंहरण से, अथवा अभिकर्ता द्वारा अभिकरण के कारबार के त्यजन से, अथवा अभिकरण के कारबार के पूरे हो जाने से, अथवा मालिक के या अभिकर्ता के मर जाने या विकृतचित्त हो जाने से; अथवा मालिक किसी ऐसे तत्समय प्रवृत्त अधिनियम के उपबन्धों के अधीन, जो दिवालिया ऋणियों के अनुतोष के लिए हो दिवालिया न्यायनिर्णीत किए जाने से हो जाता है, जिसे IC Act Section-201 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 201 (Indian Contract Act Section-201) का विवरण

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 201 IC Act Section-201 के अनुसार अभिकरण का पर्यवसान मालिक द्वारा अपने प्राधिकार के प्रतिसंहरण से, अथवा अभिकर्ता द्वारा अभिकरण के कारबार के त्यजन से, अथवा अभिकरण के कारबार के पूरे हो जाने से, अथवा मालिक के या अभिकर्ता के मर जाने या विकृतचित्त हो जाने से; अथवा मालिक किसी ऐसे तत्समय प्रवृत्त अधिनियम के उपबन्धों के अधीन, जो दिवालिया ऋणियों के अनुतोष के लिए हो दिवालिया न्यायनिर्णीत किए जाने से हो जाता है।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 201 (IC Act Section-201 in Hindi)

अभिकरण का पर्यवसान-

अभिकरण का पर्यवसान मालिक द्वारा अपने प्राधिकार के प्रतिसंहरण से, अथवा अभिकर्ता द्वारा अभिकरण के कारबार के त्यजन से, अथवा अभिकरण के कारबार के पूरे हो जाने से, अथवा मालिक के या अभिकर्ता के मर जाने या विकृतचित्त हो जाने से; अथवा मालिक किसी ऐसे तत्समय प्रवृत्त अधिनियम के उपबन्धों के अधीन, जो दिवालिया ऋणियों के अनुतोष के लिए हो दिवालिया न्यायनिर्णीत किए जाने से हो जाता है।

Indian Contract Act Section-201 (IC Act Section-201 in English)

Termination of agency-

An agency is terminated by the principal revoking his authority; or by the agent renouncing the business of the agency; or by the business of the agency being completed; or by either the principal or agent dying or becoming of unsound mind; or by the principal being adjudicated an insolvent under the provisions of any Act for the time being in force for the relief of insolvent debtors.

हमारा प्रयास भारतीय संविदा अधिनियम (Indian Contract Act Section) की धारा 201 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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