भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 205 | Indian Contract Act Section 205

भारतीय संविदा अधिनियम Indian Contract Act (ICA Section-205) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 205 के अनुसार जहां कि यह अभिव्यक्त या विवक्षित संविदा हो कि अभिकरण को किसी कालावधि के लिए चालू रहना है वहां पर्याप्त कारण के बिना अभिकरण के किसी पूर्वतन प्रतिसंहरण या त्यजन का प्रतिकर, यथास्थिति, अभिकर्ता को मालिक या मलिक को अभिकर्ता देगा, जिसे IC Act Section-205 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 205 (Indian Contract Act Section-205) का विवरण

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 205 IC Act Section-205 के अनुसार जहां कि यह अभिव्यक्त या विवक्षित संविदा हो कि अभिकरण को किसी कालावधि के लिए चालू रहना है वहां पर्याप्त कारण के बिना अभिकरण के किसी पूर्वतन प्रतिसंहरण या त्यजन का प्रतिकर, यथास्थिति, अभिकर्ता को मालिक या मलिक को अभिकर्ता देगा।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 205 (IC Act Section-205 in Hindi)

मालिक द्वारा प्रतिसंहरण या अभिकर्ता द्वारा त्यजन के लिए प्रतिकर-

जहां कि यह अभिव्यक्त या विवक्षित संविदा हो कि अभिकरण को किसी कालावधि के लिए चालू रहना है वहां पर्याप्त कारण के बिना अभिकरण के किसी पूर्वतन प्रतिसंहरण या त्यजन का प्रतिकर, यथास्थिति, अभिकर्ता को मालिक या मलिक को अभिकर्ता देगा।

Indian Contract Act Section-205 (IC Act Section-205 in English)

Compensation for revocation by principal, or renunciation by agent-

Where there is an express or implied contract that the agency should be continued for any period of time, the principal must make compensation to the agent, or the agent to the principal, as the case may be, for any previous revocation or renunciation of the agency without sufficient cause.

हमारा प्रयास भारतीय संविदा अधिनियम (Indian Contract Act Section) की धारा 205 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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