भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 218 | Indian Contract Act Section 218

भारतीय संविदा अधिनियम Indian Contract Act (ICA Section-218) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 218 के अनुसार यदि कोई अभिकर्ता अपने मालिक के ज्ञान के बिना अभिकरण के कारबार में अपने मालिक के लेखे व्यवहार करने के बजाय अपने ही लेखे व्यवहार करता है तो मालिक अभिकर्ता से उस फायदे का दावा करने का हकदार है जो अभिकर्ता को उस संव्यवहार से हुआ है, जिसे IC Act Section-218 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 218 (Indian Contract Act Section-218) का विवरण

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 218 IC Act Section-218 के अनुसार यदि कोई अभिकर्ता अपने मालिक के ज्ञान के बिना अभिकरण के कारबार में अपने मालिक के लेखे व्यवहार करने के बजाय अपने ही लेखे व्यवहार करता है तो मालिक अभिकर्ता से उस फायदे का दावा करने का हकदार है जो अभिकर्ता को उस संव्यवहार से हुआ है।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 218 (IC Act Section-218 in Hindi)

मालिक के निमित्त प्राप्त राशियों के संदाय का अभिकर्ता का कर्तव्य-

ऐसी कटौतियों के अध्यधीन अभिकर्ता मालिक की उन सब राशियों को संदाय करने के लिए आबद्ध है जो मालिक के लेखे उसे प्राप्त हुई हों।

Indian Contract Act Section-218 (IC Act Section-218 in English)

Agent’s duty to pay sums received for principal-

Subject to such deductions, the agent is bound to pay to his principal all sums received on his account.

हमारा प्रयास भारतीय संविदा अधिनियम (Indian Contract Act Section) की धारा 218 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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