भारतीय संविदा अधिनियम Indian Contract Act (ICA Section-220) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 220 के अनुसार वह अभिकर्ता, जो अभिकरण के कारवार में अवचार का दोषी है, कारबार के उस भाग के बारे में, जिसे उसने अवचारित किया है, किसी पारिश्रमिक का हकदार नहीं है, जिसे IC Act Section-220 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।
HIGHLIGHTS
भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 220 (Indian Contract Act Section-220) का विवरण
भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 220 IC Act Section-220 के अनुसार वह अभिकर्ता, जो अभिकरण के कारवार में अवचार का दोषी है, कारबार के उस भाग के बारे में, जिसे उसने अवचारित किया है, किसी पारिश्रमिक का हकदार नहीं है।
भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 220 (IC Act Section-220 in Hindi)
अबचारित कारबार के लिए अभिकर्ता पारिश्रमिक का हकदार नहीं है-
वह अभिकर्ता, जो अभिकरण के कारवार में अवचार का दोषी है, कारबार के उस भाग के बारे में, जिसे उसने अवचारित किया है, किसी पारिश्रमिक का हकदार नहीं है।
दृष्टांत
(क) ग से 1,00,000 रुपए वसूल करने और उन्हें अच्छी प्रतिभूति पर लगाने के लिए ख को क नियोजित करता है। ख उन 1,00,000 रुपयों को वसूल करता है और 90,000 रुपए अच्छी प्रतिभूति पर लगाता है किन्तु 10,000 रुपए ऐसी प्रतिभूति पर लगाता है जिसका बुरा होना उसे ज्ञात होना चाहिए था। इसके फलस्वरूप क को 2,000 रुपयों की हानि होती है । ख 1,00,000 रुपए वसूल करने के लिए और 90,000 रुपए विनिहित करने के लिए पारिश्रमिक पाने का हकदार है । वह 10,000 रुपए विनिहित करने के लिए किसी पारिश्रमिक का हकदार नहीं है, और उसे क को 2,000 रुपए की प्रतिपूर्ति करनी होगी।
(ख) ग से 1,000 रुपए वसूल करने के लिए ख को क नियोजित करता है । ख के अवचार से वह धन वसूल नहीं होता । ख अपनी सेवाओं के लिए किसी भी पारिश्रमिक का हकदार नहीं है और उसे हानि की प्रतिपूर्ति करनी होगी।
Indian Contract Act Section-220 (IC Act Section-220 in English)
Agent not entitled to remuneration for business misconducted-
An agent who is guilty of misconduct in the business of the agency, is not entitled to any remuneration in respect of that part of the business which he has misconducted.
Illustrations
(a) A employs B to recover, 1,00,000 rupees from C, and to lay it out on good security. B recovers the 1,00,000 rupees; and lays out 90,000 rupees on good security, but lays out 10,000 rupees on security which he ought to have known to be bad, whereby A loses 2,000 rupees. B is entitled to remuneration for recovering the 1,00,000 rupees and for investing the 90,000 rupees. He is not entitled to any remuneration for investing the 10,000 rupees, and he must make good the 2,000 rupees to B.
(b) A employs B to recover 1,000 rupees from C. Through B‟s misconduct the money is not recovered. B is entitled to no remuneration for his services, and must make good the loss.
हमारा प्रयास भारतीय संविदा अधिनियम (Indian Contract Act Section) की धारा 220 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।