भारतीय संविदा अधिनियम Indian Contract Act (ICA Section-231) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 231 के अनुसार यदि कोई अभिकर्ता ऐसे व्यक्ति से संविदा करे, जो न तो यह जनता हो और न यह सन्देह करने का कारण रखता हो कि वह अभिकर्ता है, तो अभिकर्ता का मालिक यह अपेक्षा कर सकेगा कि संविदा का पालन किया जाए, किन्तु संविदा करने वाला दूसरा पक्षकार उस मालिक के विरुद्ध वे ही अधिकार रखता है जो वह उस अभिकर्ता के विरुद्ध रखता यदि वह अभिकर्ता मालिक होता, जिसे IC Act Section-231 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।
HIGHLIGHTS
भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 231 (Indian Contract Act Section-231) का विवरण
भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 231 IC Act Section-231 के अनुसार यदि कोई अभिकर्ता ऐसे व्यक्ति से संविदा करे, जो न तो यह जनता हो और न यह सन्देह करने का कारण रखता हो कि वह अभिकर्ता है, तो अभिकर्ता का मालिक यह अपेक्षा कर सकेगा कि संविदा का पालन किया जाए, किन्तु संविदा करने वाला दूसरा पक्षकार उस मालिक के विरुद्ध वे ही अधिकार रखता है जो वह उस अभिकर्ता के विरुद्ध रखता यदि वह अभिकर्ता मालिक होता।
भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 231 (IC Act Section-231 in Hindi)
अप्रकटित अभिकर्ता द्वारा की गई संविदा के पक्षकारों के अधिकार-
यदि कोई अभिकर्ता ऐसे व्यक्ति से संविदा करे, जो न तो यह जनता हो और न यह सन्देह करने का कारण रखता हो कि वह अभिकर्ता है, तो अभिकर्ता का मालिक यह अपेक्षा कर सकेगा कि संविदा का पालन किया जाए, किन्तु संविदा करने वाला दूसरा पक्षकार उस मालिक के विरुद्ध वे ही अधिकार रखता है जो वह उस अभिकर्ता के विरुद्ध रखता यदि वह अभिकर्ता मालिक होता।
यदि मालिक संविदा पूर्ण होने के पूर्व अपने आपको प्रकट कर दे तो संविदा करने वाला दुसरा पक्षकार उस संविदा का पालन करने से इन्कार कर सकेगा यदि वह यह दर्शित कर सके कि यदि उसे यह ज्ञात होता कि संविदा में मालिक कौन है या यदि उसे यह ज्ञात होता कि वह अभिकर्ता मालिक नहीं है तो उसने वह संविदा न की होती।
Indian Contract Act Section-231 (IC Act Section-231 in English)
Rights of parties to a contract made by agent not disclosed-
If an agent makes a contract with a person who neither knows, nor has reason to suspect, that he is an agent, his principal may require the performance of the contract; but the other contracting party has, as against the principal, the same rights as he would have had as against the agent if the agent had been principal.
If the principal discloses himself before the contract is completed, the other contracting party may refuse to fulfil the contract, if he can show that, if he had known who was the principal in the contract, or if he had known that the agent was not a principal, he would not have entered into the contract.
हमारा प्रयास भारतीय संविदा अधिनियम (Indian Contract Act Section) की धारा 231 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।