नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 84 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 84, साथ ही क्या बतलाती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 84 का विवरण
भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 84 के अन्तर्गत न्यायालय हर ऐसी पुस्तक का, जिसका किसी देश की सरकार के प्राधिकार के अधीन मुद्रित या प्रकाशित होना और जिसमें उस देश की कोई विधियाँ अन्तर्विष्ट होना तात्पर्यित है तथा हर ऐसी पुस्तक का, जिसमें उस देश के न्यायालय के विनिश्चयों की रिपोर्ट अन्तर्विष्ट होना तात्पर्यित है, असली होना उपधारित करेगा।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 84 के अनुसार
विधियों के संग्रह और विनिश्चयों की रिपोर्टों के बारे में उपधारणा-
न्यायालय हर ऐसी पुस्तक का, जिसका किसी देश की सरकार के प्राधिकार के अधीन मुद्रित या प्रकाशित होना और जिसमें उस देश की कोई विधियाँ अन्तर्विष्ट होना तात्पर्यित है,
तथा हर ऐसी पुस्तक का, जिसमें उस देश के न्यायालय के विनिश्चयों की रिपोर्ट अन्तर्विष्ट होना तात्पर्यित है, असली होना उपधारित करेगा।
Presumption as to collections of laws and reports of decisions-
The Court shall presume the genuineness of every book purporting to be printed or published under the authority of the Government of any country, and to contain any of the laws of that country,
and of every book purporting to contain reports of decisions of the Courts of such country.
हमारा प्रयास भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 84 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।