धारा- 299 आपराधिक मानव वध (IPC 299 Criminal homicide)

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 299 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 299, साथ ही यह धारा क्या परिभाषित करती है , यह सभी जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 299 का विवरण

भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 299 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। जो कोई मत्तता की हालत (शराब के नशे की हालत में) में किसी लोक-स्थान में, या किसी ऐसे स्थान में, जिसमें उसका प्रवेश करना अतिचार हो, आयेगा और वहां इस प्रकार का आचरण करेगा जिससे किसी व्यक्ति को क्षोभ हो, ऐसा कार्य कारित करेगा, तो वह धारा 299 के अंतर्गत दंड एवं जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।

आईपीसी की धारा 299 के अनुसार

आपराधिक मानव-वध

जो कोई मृत्यु कारित करने के आशय से, या ऐसी शारीरिक क्षति कारित करने के आशय से जिससे मृत्यु हो जाना सम्भव हो, या यह ज्ञान रखते हुए कि यह संभव है कि वह उस कार्य से मृत्यु कारित कर दे, कोई कार्य करके मृत्यु कारित कर देता है, वह आपराधिक मानव वध का अपराध करता है ।

Culpable homicide-
Whoever causes death by doing an act with the intention of causing death, or with the intention of causing such bodily injury as is likely to cause death, or with the knowledge, that he is likely by such act to cause death, commits the offence of culpable homicide.

उदाहरार्थ

(क) क एक गड्ढे पर लकड़ियां और घास इस आशय से बिछाता है कि तद्द्वारा मृत्यु कारित करे या यह ज्ञान रखते हुए बिछाता है कि मृत्यु संभव होता है कि तद्द्वारा मॄत्यु कारित हो । य यह विश्वास करते हुए कि वह भूमि सुदृढ़ है उस पर चलता है, उसमें गिर पड़ता है और मारा जाता है । क ने आपराधिक मानव वध का अपराध किया है ।

(ख) क यह जानता है कि य एक झाड़ी के पीछे है । ख यह नहीं जानता । य की मृत्यु करने के आशय से या यह जानते हुए कि उससे य की मृत्यु कारित होना संभव है, ख को उस झाड़ी पर गोली चलाने के लिए क उत्प्रेरित करता है । ख गोली चलाता है और य को मार डालता है । यहां, यह हो सकता है कि ख किसी भी अपराध का दोषी न हो, किन्तु क ने आपराधिक मानव वध का अपराध किया है ।

(ग) क एक मुर्गे को मार डालने और उसे चुरा लेने के आशय से उस पर गोली चलाकर ख को, जो एक झाड़ी के पीछे है, मार डालता है, किन्तु क यह नहीं जानता था कि ख वहां है । यहां, यद्यपि क विधि विरुद्ध कार्य कर रहा था, तथापि, वह आपराधिक मानव वध का दोषी नहीं है क्योंकि उसका आशय ख को मार डालने का, या कोई ऐसा कार्य करके, जिससे मृत्यु कारित करना वह संभव जानता हो, मृत्यु कारित करने का नहीं था ।

भारतीय दण्ड संहिता की धारा- 299 के अन्तर्गत अपराध मनुष्य की हत्या को बतलाया गया है, हम मे से बहुत लोगो को पता ही होगा मानव वध भी एक जघन्य अपराध है, जिसके लिये भारतीय कानून मे सजा का प्राविधान है, जिसमे उदाहरार्थ भी आपके लिये बताये गये है, जिसमे मनुष्य का वध के बारे मे बताया गया है । ऐसे कृत्य करने वाला मनुष्य हत्या का अपराधी कहलाता है, जिसमे उसके कृत्यों एवंम् मंशा के आधार पर वह दण्ड का भागीदार होता है ।

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