IPC की धारा 302 हत्या जैसा घृणित कृत्य को अंजाम देने वाले व्यक्तियों पर लगाई जाती है। अगर किसी व्यक्ति पर किसी अन्य व्यक्ति की हत्या का दोष साबित हो जाता है, तो न्यायालय व्दारा उसे आजीवन कारावास या फांसी की सजा के साथ-साथ जुर्माना की सजा भी हो सकती है। न्यायालय में हत्या के मामलों में मुख्यतः हत्या करने के इरादे और उसके मकसद पर अधिक ध्यान दिया जाता है। इस तरह के मामलों में पुलिस को सबूतों के साथ ये साबित करना होता है, कि हत्या आरोपी ने ही की है, इसके साथ ही आरोपी के पास हत्या का मकसद भी होना चाहिए, और हत्या करने का कोई इरादा भी होना चाहिए।