भारतीय दंड संहिता की धारा 303 के अनुसार, कोई आजीवन कारावास के दण्डादेश के अधीन अपराधी होते हुए, भी हत्या करेगा, तो उसे मॄत्युदण्ड से दण्डित किया जाएगा।
धारा- 303 के तहत सजा का प्रावधान
हम मे से काफी लोगो ने सुना है कि कोई अपराधी जेल मे ही किसी को जान से मार देता है । ऐसे कृत्यो के लिये न्यायालय अपराधी व्यक्ति को पुनः अपराध करने के समबन्ध मे मृत्युदण्ड देती है । इस धारा के अन्तर्गत कोई अपराधी जो पहले ही किसी अपराध के लिये आजीवन कारावास की सजा काट रहा है लेकिन कभी-कभी क्रोधित अथवा किसी कारणवश वह पुनः हत्या जैसा कृत्य को अंजाम देता है, तो उसे मृत्युदण्ड की सजा पाने का हकदार होगा । यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।