किशोर न्याय अधिनियम की धारा 42 | Juvenile Justice Act Section 42

किशोर न्याय अधिनियम JJ Act (Juvenile Justice Act Section-42) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। किशोर न्याय अधिनियम की धारा 42 के अनुसार देखरेख और संरक्षण के लिए जरूरतमंद बालकों और विधि का उल्लंघन करने वाले बालकों को रखने वाली किसी संस्था के भारसाधक किसी व्यक्ति या किन्हीं व्यक्तियों की, जो धारा 41 की उपधारा (1) के उपबंधों का अनुपालन करने में असफल रहता है या रहते हैं, ऐसे कारावास से, जो एक वर्ष तक हो सकेगा या एक लाख रुपए से अन्यून के जमाने से या दोनों से दंडित किया जाएगा, जिसे JJ Act Section-42 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।

किशोर न्याय अधिनियम की धारा 42 (Juvenile Justice Act Section-42) का विवरण

किशोर न्याय अधिनियम की धारा 42 JJ Act Section-42 के तहत किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) देखरेख और संरक्षण के लिए जरूरतमंद बालकों और विधि का उल्लंघन करने वाले बालकों को रखने वाली किसी संस्था के भारसाधक किसी व्यक्ति या किन्हीं व्यक्तियों की, जो धारा 41 की उपधारा (1) के उपबंधों का अनुपालन करने में असफल रहता है या रहते हैं, ऐसे कारावास से, जो एक वर्ष तक हो सकेगा या एक लाख रुपए से अन्यून के जमाने से या दोनों से दंडित किया जाएगा।

किशोर न्याय अधिनियम की धारा 42 (JJ Act Section-42 in Hindi)

बाल देखरेख संस्था का रजिस्ट्रीकरण न कराए जाने के लिए शास्ति

देखरेख और संरक्षण के लिए जरूरतमंद बालकों और विधि का उल्लंघन करने वाले बालकों को रखने वाली किसी संस्था के भारसाधक किसी व्यक्ति या किन्हीं व्यक्तियों की, जो धारा 41 की उपधारा (1) के उपबंधों का अनुपालन करने में असफल रहता है या रहते हैं, ऐसे कारावास से, जो एक वर्ष तक हो सकेगा या एक लाख रुपए से अन्यून के जमाने से या दोनों से दंडित किया जाएगा :
परंतु रजिस्ट्रीकरण के लिए आवेदन करने में प्रत्येक तीस दिन के विलंब को एक पृथक् अपराध माना जाएगा।

Juvenile Justice Act Section-42 (JJ Act Section-42 in English)

 Penalty for non-registration of child care institutions

Any person, or persons, in-charge of an institution housing children in need of care and protection and children in conflict with law, who fails to comply with the provisions of sub-section (1) of section 41, shall be punished with imprisonment which may extend to one year or a fine of not less than one lakh rupees or both:
Provided that every thirty days delay in applying for registration shall be considered as a separate offence.

हमारा प्रयास किशोर न्याय अधिनियम (Juvenile Justice Act Section) की धारा 42 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

Leave a Comment