किशोर न्याय अधिनियम की धारा 45 | Juvenile Justice Act Section 45

किशोर न्याय अधिनियम JJ Act (Juvenile Justice Act Section-45) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। किशोर न्याय अधिनियम की धारा 45 के अनुसार राज्य सरकार, व्यष्ट दर व्यष्टिक प्रवर्तकता, सामूहिक प्रवर्तकता या सामुदायिक प्रवर्तकता जैसी बालकों की प्रवर्तकता के विभिन्न कार्यक्रमों को हाथ में लेने के प्रयोजन के लिए नियम बना सकेगी जहां माता विधवा या विच्छिन्न विवाह स्त्री या कुटुंब द्वारा परित्यक्ता है या जहां बालक अनाथ हैं और विस्तारित कुटुंब के साथ रह रहे हैं या जहां माता-पिता जीवन के लिए संकटमय रोग से पीड़ित हैं अथवा जहां माता-पिता दुर्घटना के कारण अशक्त हो गए हैं, जिसे JJ Act Section-45 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।

किशोर न्याय अधिनियम की धारा 45 (Juvenile Justice Act Section-45) का विवरण

किशोर न्याय अधिनियम की धारा 45 JJ Act Section-45 के तहत किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) राज्य सरकार, व्यष्ट दर व्यष्टिक प्रवर्तकता, सामूहिक प्रवर्तकता या सामुदायिक प्रवर्तकता जैसी बालकों की प्रवर्तकता के विभिन्न कार्यक्रमों को हाथ में लेने के प्रयोजन के लिए नियम बना सकेगी जहां माता विधवा या विच्छिन्न विवाह स्त्री या कुटुंब द्वारा परित्यक्ता है या जहां बालक अनाथ हैं और विस्तारित कुटुंब के साथ रह रहे हैं या जहां माता-पिता जीवन के लिए संकटमय रोग से पीड़ित हैं अथवा जहां माता-पिता दुर्घटना के कारण अशक्त हो गए हैं।

किशोर न्याय अधिनियम की धारा 45 (JJ Act Section-45 in Hindi)

प्रवर्तकता

(1) राज्य सरकार, व्यष्ट दर व्यष्टिक प्रवर्तकता, सामूहिक प्रवर्तकता या सामुदायिक प्रवर्तकता जैसी बालकों की प्रवर्तकता के विभिन्न कार्यक्रमों को हाथ में लेने के प्रयोजन के लिए नियम बना सकेगी ।
(2) प्रवर्तकता मानदंडों के अंतर्गत निम्नलिखित होंगे,-
(i) जहां माता विधवा या विच्छिन्न विवाह स्त्री या कुटुंब द्वारा परित्यक्ता है;
(ii) जहां बालक अनाथ हैं और विस्तारित कुटुंब के साथ रह रहे हैं;
(iii) जहां माता-पिता जीवन के लिए संकटमय रोग से पीड़ित हैं;
(iv) जहां माता-पिता दुर्घटना के कारण अशक्त हो गए हैं और बालकों की वित्तीय और शारीरिक दोनों प्रकार से देखरेख करने में असमर्थ हैं।
(3) प्रवर्तकता की अवधि ऐसी होगी जो विहित की जाए ।
(4) प्रवर्तकता कार्यक्रम द्वारा बालकों के जीवन स्तर में सुधार लाने की दृष्टि से उनकी चिकित्सा, पोषण, शिक्षा संबंधी और अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कुटुम्बों, बाल गृहों और विशेष गृहों को अनुपूरक सहायता प्रदान की जा सकेगी।

Juvenile Justice Act Section-45 (JJ Act Section-45 in English)

Sponsorship

(1) The State Government shall make rules for the purpose of undertaking various programmes of sponsorship of children, such as individual to individual sponsorship, group sponsorship or community sponsorship.
(2) The criteria for sponsorship shall include,—
(i) where mother is a widow or divorced or abandoned by family;
(ii) where children are orphan and are living with the extended family;
(iii) where parents are victims of life threatening disease;
(iv) where parents are incapacitated due to accident and unable to take care of children both financially and physically.
(3) The duration of sponsorship shall be such as may be prescribed.
(4) The sponsorship programme may provide supplementary support to families, to Children’s Homes and to special homes to meet medical, nutritional, educational and other needs of the children, with a view to improving their quality of life.

हमारा प्रयास किशोर न्याय अधिनियम (Juvenile Justice Act Section) की धारा 45 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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