किशोर न्याय अधिनियम JJ Act (Juvenile Justice Act Section-68) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। किशोर न्याय अधिनियम की धारा 68 के अनुसार केंद्रीय दत्तक ग्रहण स्त्रोत अभिकरण को, इस अधिनियम के अधीन प्राधिकरण के रूप में निम्नलिखित कृत्यों का पालन करने के लिए गठित किया गया समझा जाएगा, अर्थात् देश में दत्तक ग्रहण को प्रोन्नत करना और राज्य अभिकरण के समन्वय से अंतरराज्यिक दत्तक ग्रहण को सुनकर बनाना और अंतर-देशीय दत्तक ग्रहणों को विनियमित करना, जिसे JJ Act Section-68 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।
HIGHLIGHTS
किशोर न्याय अधिनियम की धारा 68 (Juvenile Justice Act Section-68) का विवरण
किशोर न्याय अधिनियम की धारा 68 JJ Act Section-68 के तहत किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) केंद्रीय दत्तक ग्रहण स्त्रोत अभिकरण को, इस अधिनियम के अधीन प्राधिकरण के रूप में निम्नलिखित कृत्यों का पालन करने के लिए गठित किया गया समझा जाएगा, अर्थात् देश में दत्तक ग्रहण को प्रोन्नत करना और राज्य अभिकरण के समन्वय से अंतरराज्यिक दत्तक ग्रहण को सुनकर बनाना और अंतर-देशीय दत्तक ग्रहणों को विनियमित करना।
किशोर न्याय अधिनियम की धारा 68 (JJ Act Section-68 in Hindi)
केंद्रीय दत्तक ग्रहण स्त्रोत प्राधिकरण–
इस अधिनियम के प्रारंभ से पूर्व विद्यमान केंद्रीय दत्तक ग्रहण स्त्रोत अभिकरण को, इस अधिनियम के अधीन प्राधिकरण के रूप में निम्नलिखित कृत्यों का पालन करने के लिए गठित किया गया समझा जाएगा, अर्थात् :-
(क) देश में दत्तक ग्रहण को प्रोन्नत करना और राज्य अभिकरण के समन्वय से अंतरराज्यिक दत्तक ग्रहण को सुनकर बनाना;
(ख) अंतर-देशीय दत्तक ग्रहणों को विनियमित करना;
(ग) समय-समय पर दत्तक ग्रहण और संबंधित विषयों पर ऐसे विनियमों की विरचना करना, जो आवश्यक हों;
(घ) अंतर-देशीय दत्तक ग्रहण की बाबत बालकों की संरक्षा और सहयोग पर हेग अभिसमय के अधीन केंद्रीय प्राधिकरण के कृत्यों को कार्यान्वित करना;
(ङ) कोई भी अन्य कृत्य, जो विहित किया जाए।
Juvenile Justice Act Section-68 (JJ Act Section-68 in English)
Central Adoption Resource Authority–
The Central Adoption Resource Agency existing before the commencement of this Act, shall be deemed to have been constituted as the Central Adoption Resource Authority under this Act to perform the following functions, namely:—
(a) to promote in-country adoptions and to facilitate inter-State adoptions in co-ordination with State Agency;
(b) to regulate inter-country adoptions;
(c) to frame regulations on adoption and related matters from time to time as may be necessary;
(d) to carry out the functions of the Central Authority under the Hague Convention on Protection of Children and Cooperation in respect of Inter-country Adoption;
(e) any other function as may be prescribed.
हमारा प्रयास किशोर न्याय अधिनियम (Juvenile Justice Act Section) की धारा 68 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।