किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 | Juvenile Justice Act Section 75

किशोर न्याय अधिनियम JJ Act (Juvenile Justice Act Section-75) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 के अनुसार जो कोई बालक का वास्तविक भारसाधन या उस पर नियंत्रण रखते हुए उस बालक पर ऐसी रीति से, जिससे उस बालक को अनावश्यक मानसिक या शारीरिक कष्ट होना संभाव्य हो, हमला करेगा, उसका परित्याग करेगा, उत्पीड़न करेगा, उसे उच्छन्न करेगा या जानबूझकर उसकी उपेक्षा करेगा या उस पर हमला किया जाना, उसका परित्याग, उत्पीड़न, उच्छन्न या उसकी उपेक्षा किया जाना कारित करेगा, जिसे JJ Act Section-75 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।

किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 (Juvenile Justice Act Section-75) का विवरण

किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 JJ Act Section-75 के तहत किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) जो कोई बालक का वास्तविक भारसाधन या उस पर नियंत्रण रखते हुए उस बालक पर ऐसी रीति से, जिससे उस बालक को अनावश्यक मानसिक या शारीरिक कष्ट होना संभाव्य हो, हमला करेगा, उसका परित्याग करेगा, उत्पीड़न करेगा, उसे उच्छन्न करेगा या जानबूझकर उसकी उपेक्षा करेगा या उस पर हमला किया जाना, उसका परित्याग, उत्पीड़न, उच्छन्न या उसकी उपेक्षा किया जाना कारित करेगा या ऐसा किए जाने के लिए उसे उपाप्त करेगा, वह कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी या एक लाख रुपए तक के जुर्माने से या दोनों से दंडनीय होगा।

किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 (JJ Act Section-75 in Hindi)

बालक के प्रति क्रूरता के लिए दंड

जो कोई बालक का वास्तविक भारसाधन या उस पर नियंत्रण रखते हुए उस बालक पर ऐसी रीति से, जिससे उस बालक को अनावश्यक मानसिक या शारीरिक कष्ट होना संभाव्य हो, हमला करेगा, उसका परित्याग करेगा, उत्पीड़न करेगा, उसे उच्छन्न करेगा या जानबूझकर उसकी उपेक्षा करेगा या उस पर हमला किया जाना, उसका परित्याग, उत्पीड़न, उच्छन्न या उसकी उपेक्षा किया जाना कारित करेगा या ऐसा किए जाने के लिए उसे उपाप्त करेगा, वह कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी या एक लाख रुपए तक के जुर्माने से या दोनों से दंडनीय होगा :
परंतु उस मामले में जहां यह पाया जाता है कि जैविक माता-पिता द्वारा बालक का ऐसा परित्याग, उन परिस्थितियों के कारण है जो उनके नियंत्रण के बाहर हैं, यह माना जाएगा कि ऐसा परित्याग जानबूझकर नहीं है तथा इस धारा के दाण्डिक उपबंध ऐसे मामलों में लागू नहीं होंगे :
परंतु यह और कि यदि ऐसा अपराध किसी ऐसी व्यक्ति द्वारा किया जाता है, जो किसी संगठन द्वारा नियोजित है या उसका प्रबंधन कर रहा है, जिसे बालक की देखरेख और संरक्षण सौंपा गया है, वह कठिन कारावास से, जिसकी अवधि पांच वर्ष की हो सकेगी और जुर्माने से, जो पांच लाख रुपए तक हो सकेगा, दंडनीय होगा :
परंतु वह और भी कि पूर्वोक्त क्रूरता के कारण यदि बालक शारीरिक रूप से अक्षम हो जाता है या उसे मानसिक रोग हो जाता है या वह मानसिक रूप से नियमित कार्यों को करने में अयोग्य हो जाता है या उसके जीवन या अंग को खतरा होता है, ऐसा व्यक्ति कठोर कारावास से, जो तीन वर्ष से कम का नहीं होगा, किंतु जो दस वर्ष तक का हो सकेगा और पांच लाख के से भी दंडनीय होगा ।

Juvenile Justice Act Section-75 (JJ Act Section-75 in English)

Punishment for cruelty to child-

Whoever, having the actual charge of, or control over, a child, assaults, abandons, abuses, exposes or wilfully neglects the child or causes or procures the child to be assaulted, abandoned, abused, exposed or neglected in a manner likely to cause such child unnecessary mental or physical suffering, shall be punishable with imprisonment for a term which may extend to three years or with fine of one lakh rupees or with both:
Provided that in case it is found that such abandonment of the child by the biological parents is due to circumstances beyond their control, it shall be presumed that such abandonment is not wilful and the penal provisions of this section shall not apply in such cases:
Provided further that if such offence is committed by any person employed by or managing an organisation, which is entrusted with the care and protection of the child, he shall be punished with rigorous imprisonment which may extend up to five years, and fine which may extend up to five lakhs rupees:
Provided also that on account of the aforesaid cruelty, if the child is physically incapacitated or develops a mental illness or is rendered mentally unfit to perform regular tasks or has risk to life or limb, such person shall be punishable with rigorous imprisonment, not less than three years but which may be extended up to ten years and shall also be liable to fine of five lakhs rupees.

हमारा प्रयास किशोर न्याय अधिनियम (Juvenile Justice Act Section) की धारा 75 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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