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मोटर वाहन अधिनियम की धारा 107 | राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति | MV Act, Section- 107 in hindi | Power of State Government to make rules.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए मोटर वाहन अधिनियम की धारा 107 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 107, साथ ही इस धारा के अंतर्गत क्या परिभाषित किया गया है, यह सभी जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 107 का विवरण

मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) की धारा -107 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। इस अध्याय के अधीन राज्य सरकार इस अध्याय के उपबंधों को कार्यान्वित करने के प्रयोजन के लिए नियम बना सकेगी।

मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 107 के अनुसार

राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति-

(1) राज्य सरकार इस अध्याय के उपबंधों को कार्यान्वित करने के प्रयोजन के लिए नियम बना सकेगी।
(2) विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, ऐसे नियम निम्नलिखित सभी बातों या उनमें से किसी के लिए उपबंध कर सकेंगे, अर्थात् :-
(क) वह प्ररूप जिसमें किसी स्कीम की बाबत कोई प्रस्थापना धारा 99 के अधीन प्रकाशित की जा सकेगी;
(ख) वह रीति जिसमें धारा 100 की उपधारा (1) के अधीन आक्षेप फाइल किए जा सकेंगे;
(ग) वह रीति जिसमें धारा 100 की उपधारा (2) के अधीन आक्षेपों पर विचार और उनका निपटारा किया जा सकेगा;
(घ) वह प्ररूप जिसमें धारा 100 की उपधारा (3) के अधीन कोई अनुमोदित स्कीम प्रकाशित की जा सकेगी;
(ङ) वह रीति जिसमें धारा 103 की उपधारा (1) के अधीन आवेदन किया जा सकेगा;
(च) वह अवधि जिसके अन्दर किसी परिवहन यान में छूटी पाई गई किसी वस्तु का स्वामी, धारा 106 के अधीन उसके लिए दावा कर सकेगा तथा उस वस्तु के विक्रय की रीति;
(छ) इस अध्याय के अधीन आदेशों की तामील की रीति;
(ज) कोई अन्य बात जो विहित की जानी है या की जाए।

Power of State Government to make rules-
(1) The State Government may make rules for the purpose of carrying into effect the provisions of this Chapter.
(2) In particular and without prejudice to the generality of the foregoing power, such rules may provide for all or any of the following matters, namely:-
(a) the form in which any proposal regarding a scheme may be published under section 99;
(b) the manner in which objections may be filed under sub-section (1) of 11 section 100;
(c) the manner in which objections may be considered and disposed of under sub-section (2) of section 100;
(d) the form in which any approved scheme may be published under subsection (3) of section 100;
(e) the manner in which application under sub-section (1) of section 103 may be made;
(f) the period within which the owner may claim any article found left in any transport vehicle under section 106 and the manner of sale of such article;
(g) the manner of service of orders under this Chapter;
(h) any other matter which has to be, or maybe, prescribed.

हमारा प्रयास मोटर वाहन अधिनियम (MV Act) की धारा 107 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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