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मोटर वाहन अधिनियम की धारा 195 | कतिपय परिस्थितियों में न्यूनतम जुर्माने का अधिरोपण | MV Act, Section- 195 in hindi | Imposition of minimum fine under certain circumstances.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए मोटर वाहन अधिनियम की धारा 195 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 195, साथ ही इस धारा के अंतर्गत क्या परिभाषित किया गया है, यह सभी जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 195 का विवरण

मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) की धारा -195 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। इस अधिनियम के अधीन जो कोई इस अधिनियम या इसके अधीन बनाए गए नियमों के अधीन किसी अपराध के लिए दोषसिद्ध किए जाने पर वैसा ही अपराध, पूर्ववर्ती अपराध के किए जाने के तीन वर्ष के भीतर दूसरी बार या उसके पश्चात्वर्ती बार करेगा तो कोई न्यायालय ऐसे अपराध के लिए अधिरोपणीय जुर्माने की अधिकतम रकम के एक चौथाई से कम जुर्माना केवल उन कारणों से, जो उसके द्वारा लेखबद्ध किए जाएंगे, अधिरोपित करेगा।

मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 195 के अनुसार

कतिपय परिस्थितियों में न्यूनतम जुर्माने का अधिरोपण-

(1) जो कोई इस अधिनियम या इसके अधीन बनाए गए नियमों के अधीन किसी अपराध के लिए दोषसिद्ध किए जाने पर वैसा ही अपराध, पूर्ववर्ती अपराध के किए जाने के तीन वर्ष के भीतर दूसरी बार या उसके पश्चात्वर्ती बार करेगा तो कोई न्यायालय ऐसे अपराध के लिए अधिरोपणीय जुर्माने की अधिकतम रकम के एक चौथाई से कम जुर्माना केवल उन कारणों से, जो उसके द्वारा लेखबद्ध किए जाएंगे, अधिरोपित करेगा, अन्यथा नहीं।
(2) उपधारा (1) की किसी बात का यह अर्थ नहीं लगाया जाएगा कि वह ऐसा कारावास अधिनिर्णीत करने की न्यायालय की शक्ति को निर्बन्धित करती है जिसे वह मामले की परिस्थितियों में आवश्यक समझता है और जो उस अपराध की बाबत इस अधिनियम में विनिर्दिष्ट अधिकतम सीमा से अधिक नहीं है।

Imposition of minimum fine under certain circumstances-
(1) Whoever having been convicted of an offence under this Act or the rules made thereunder commits a similar offence on a second or subsequent occasion within three years of the commission of the previous offence, no court shall, except for reasons to be recorded by it in writing, impose on him a fine of less than one-fourth of the maximum amount of the fine imposable for such offence.
(2) Nothing in sub-section (1) shall be construed as restricting the power of the court from awarding such imprisonment as it considers necessary in the circumstances of the case not exceeding the maximum specified in this Act in respect of that offence.

हमारा प्रयास मोटर वाहन अधिनियम (MV Act) की धारा 195 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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