पॉक्सो एक्ट की धारा 45 | नियम बनाने की शक्ति | Pocso Act Section- 45 by in hindi | Power to make rules.

Pocso section- 45

नमस्कार दोस्तों, आज हम पॉक्सो एक्ट की धारा 45 के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है पॉक्सो एक्ट (POCSO ACT) की धारा 45? साथ ही हम आपको POCSO ACT की धारा 45 क्या परिभाषित करती है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

पॉक्सो एक्ट (POCSO ACT) की धारा 45 का विवरण

पॉक्सो एक्ट की धारा 45 के अंतर्गत केन्द्रीय सरकार इस अधिनियम के प्रयोजनों को कार्यान्वित करने के लिए राजपत्र में अधिसूचना द्वारा नियम बना सकेगी, साथ ही वह अपने न्यायविवेक के आधार पर बदलाव भी कर सकेगी। यह पॉक्सो एक्ट की धारा 45 नियम बनाने की शक्ति को परिभाषित करती है।

पॉक्सो एक्ट (POCSO ACT) की धारा 45 के अनुसार

नियम बनाने की शक्ति-

(1) केन्द्रीय सरकार इस अधिनियम के प्रयोजनों को कार्यान्वित करने के लिए राजपत्र में अधिसूचना द्वारा नियम बना सकेगी।
(2) विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना ऐसे नियम निम्नलिखित सभी या किन्हीं विषयों के लिए उपबंध कर सकेंगे, अर्थात्:-
[(क) धारा 15 की उपधारा (1) के अधीन किसी बालक को सम्मिलित करने वालों किसी भी रूप में अश्लील सामग्री को मिटाने या नष्ट करने या अभिहित प्राधिकारी को रिपोर्ट करने की रीति;
(कक) धारा 15 की उपधारा (2) के अधीन किसी बालक को सम्मिलित करने वाली किसी भी रूप में अश्लील सामग्री के बारे में रिपोर्ट करने की रीति;]
(क) धारा 19 की उपधारा (4); धारा 26 की उपधारा (2) और उपधारा (3) तथा धारा 38 के अधीन किसी अनुवादक या दुभाषिए, किसी विशेष शिक्षक या बालक से संपर्क करने की रीति से सुपरिचित किसी व्यक्ति या उस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ की अर्हताएं और अनुभव तथा संदेय फीस;
(ख) धारा 19 को उपधारा (5) के अधीन बालक की देखभाल और संरक्षण तथा आपात चिकित्सा उपचार;
(ग) धारा 33 की उपधारा (8) के अधीन प्रतिकर का संदाय;
(घ) धारा 44 की उपधारा (1) के अधीन अधिनियम के उपबंधों की आवधिक मानीटरी की रीति।
(3) इस धारा के अधीन बनाया गया कोई नियम बनाए जाने के पश्चात् यथाशीघ्र संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष जब सत्र में हो, कुल तीस दिन की अवधि के लिए रखा जाएगा। यह अवधि एक सत्र में अथवा दो या दो से अधिक आनुक्रमिक सत्रों में पूरी हो सकेगी। यदि उस सत्र के या पूर्वोक्त आनुक्रमिक सत्रों के ठीक बाद के सत्र के अवसान के पूर्व दोनों सदन उस नियम में कोई परिवर्तन करने के लिए सहमत हो जाएं तो तत्पश्चात् वह ऐसे परिवर्तित रूप में ही प्रभावी होगा। यदि उक्त अवसान के पूर्व दोनों सदन सहमत हो जाएं कि वह नियम नहीं बनाया जाना चाहिए तो तत्पश्चात् वह निष्प्रभाव हो जाएगा किन्तु नियम के ऐसे परिवर्तित या निष्प्रभाव होने से उसके अधीन पहले की गई किसी बात की विधिमान्यता पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

Power to make rules-
(1) The Central Government may, by notification in the Official Gazette, make rules for carrying out the purposes of this Act.
(2) In particular, and without prejudice to the generality of the foregoing powers, such rules may provide for all or any of the following matters, namely:
[(a) the manner of deleting or destroying or reporting about pornographic material in any form involving a child to the designated authority under sub-section (1) of section 15:
(aa) the manner of reporting about pornographic material in any form involving a child under sub-section (2) of section 15;
(ab) the qualifications and experience of, and the fees payable to, a translator or an interpreter, a special educator or any person familiar with the manner of communication of the child or an expert in that field, under sub-section (4) of Section 19; asub sections (2) and (3) of Section 26 and Section 38;
(b) care and protection and emergency medical treatment of the child under sub-section (5) of Section 19;
(c) the payment of compensation under sub-section (8) of Section 33;
(d) the manner of periodic monitoring of the provisions of the Act under sub-section (1) of Section 42B.
(3) Every rule made under this section shall be laid, as soon as may be after it is made, before each House of Parliament, while it is in session, for a total period of thirty days which may be comprised in one session or in two or more successive sessions, and if, before the expiry of the session immediately following the session or the successive sessions aforesaid, both Houses agree in making any modification in the rule or both Houses agree that the rule should not be made, the rule shall thereafter have effect only in such modified form or be of no effect, as the case may be; so, however, that any such modification or annulment shall be without prejudice to the validity of anything previously done under that rule.

हमारा प्रयास पॉक्सो एक्ट की धारा 45 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप बेझिझक कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।
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