एससी/एसटी अधिनियम की धारा 15 | विशेष लोक अभियोजक | SC/ST Act, Section- 15 in hindi | Special Public Prosecutor.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए एससी/एसटी अधिनियम की धारा 15 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है एससी/एसटी की धारा- 15, साथ ही इस धारा के अंतर्गत क्या परिभाषित किया गया है, यह सभी जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

एससी/एसटी अधिनियम की धारा- 15 का विवरण

एससी/एसटी अधिनियम (Scheduled Caste and Scheduled Tribe (Prevention of Atrocities) Act) की धारा -15 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। राज्य सरकार, प्रत्येक विशेष न्यायालय के लिए, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, एक लोक अभियोजक विनिर्दिष्ट करेगी या किसी ऐसे अधिवक्ता को, जिसने कम से कम सात वर्ष तक अधिवक्ता के रूप में विधि व्यवसाय । किया हो, उस न्यायालय में मामलों के संचालन के प्रयोजन के लिए विशेष लोक, अभियोजक के रूप में नियुक्त करेगी।

एससी/एसटी अधिनियम की धारा- 15 के अनुसार

विशेष लोक अभियोजक-

राज्य सरकार, प्रत्येक विशेष न्यायालय के लिए, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, एक लोक अभियोजक विनिर्दिष्ट करेगी या किसी ऐसे अधिवक्ता को, जिसने कम से कम सात वर्ष तक अधिवक्ता के रूप में विधि व्यवसाय । किया हो, उस न्यायालय में मामलों के संचालन के प्रयोजन के लिए विशेष लोक, अभियोजक के रूप में नियुक्त करेगी।

Special Public Prosecutor—
For every Special Court, the State Government shall, by notification in the Official Gazette, specify a Public Prosecutor or appoint an advocate who has been in practice as an advocate for not less than seven years, as a Special Public Prosecutor for the purpose of conducting cases in that court.

हमारा प्रयास एससी/एसटी अधिनियम (SC/ST Act) की धारा 15 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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