भारतीय न्याय संहिता की धारा 197 हिन्दी मे (BNS Act Section-197 in Hindi) –
अध्याय XII
197. जो कोई लोक सेवक होते हुए,-
लोक सेवकों द्वारा या उनसे संबंधित अपराधों के संबंध में।
197. लोक सेवक द्वारा विधि के अधीन निदेश की अवज्ञा।
(क) कानून के किसी ऐसे निर्देश की जानबूझकर अवज्ञा करेगा जो उसे किसी अपराध या किसी अन्य मामले की जांच के प्रयोजन के लिए किसी व्यक्ति को किसी स्थान पर उपस्थित होने की आवश्यकता करने से रोकता है; या
(ख) जानबूझकर किसी व्यक्ति के प्रतिकूल कानून के किसी अन्य निर्देश की अवज्ञा करेगा जो उस तरीके को विनियमित करता है जिससे वह ऐसी जांच करेगा; या
(ग) भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 174 की उपधारा (1) के तहत उसे धारा 64, धारा 65 धारा 66, धारा 67, धारा 68, धारा 71, धारा 73, धारा 76, धारा 122 या धारा 141 या धारा 142 के तहत दंडनीय संज्ञेय अपराध के संबंध में दी गई किसी जानकारी को रिकॉर्ड करने में विफल रहता है,
उसे कम से कम छह महीने के लिए कठोर कारावास से दंडित किया जाएगा, लेकिन जो दो साल तक बढ़ सकता है, और जुर्माना के लिए भी उत्तरदायी होगा।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 197 in English (BNS Act Section-197 in English) –
Chapter XII
197. Whoever, being a public servant,—
Of Offences By Or Relating To Public Servants.
197. Public servant disobeying direction under law.
(a) knowingly disobeys any direction of the law which prohibits him from requiring the attendance at any place of any person for the purpose of investigation into an offence or any other matter; or
(b) knowingly disobeys, to the prejudice of any person, any other direction of the law regulating the manner in which he shall conduct such investigation; or
(c) fails to record any information given to him under sub-section (1) of section 174 of the Bhartiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023 in relation to cognizable offence punishable under section 64, section 65 section 66, section 67, section 68, section 71, section 73, section 76, section 122 or section 141 or section 142,
shall be punished with rigorous imprisonment for a term which shall not be less than six months but which may extend to two years, and shall also be liable to fine.