सीआरपीसी की धारा 251 | अभियोग का सारांश बताया जाना | CrPC Section- 251 in hindi| Substance of accusation to be stated.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 251 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 251 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 251 का विवरण

दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 251 के अन्तर्गत जब समन-मामले में अभियुक्त मजिस्ट्रेट के समक्ष हाजिर होता है या लाया जाता है, तब उसे उस अपराध की विशिष्टियां बताई जाएंगी जिसका उस पर अभियोग है, और उससे पूछा जाएगा कि क्या वह दोषी होने का अभिवाक् करता है अथवा प्रतिरक्षा करना चाहता है; किन्तु यथारीति आरोप विरचित करना आवश्यक न होगा।

सीआरपीसी की धारा 251 के अनुसार

अभियोग का सारांश बताया जाना—

जब समन-मामले में अभियुक्त मजिस्ट्रेट के समक्ष हाजिर होता है या लाया जाता है, तब उसे उस अपराध की विशिष्टियां बताई जाएंगी जिसका उस पर अभियोग है, और उससे पूछा जाएगा कि क्या वह दोषी होने का अभिवाक् करता है अथवा प्रतिरक्षा करना चाहता है; किन्तु यथारीति आरोप विरचित करना आवश्यक न होगा।

Substance of accusation to be stated-
When in a summons-case the accused appears or is brought before the Magistrate, the particulars of the offence of which he is accused shall be stated to him, and he shall be asked whether he pleads guilty or has any defence to make, but it shall not be necessary to frame a formal charge.

हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 251 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

2 thoughts on “सीआरपीसी की धारा 251 | अभियोग का सारांश बताया जाना | CrPC Section- 251 in hindi| Substance of accusation to be stated.”

  1. क्या 251 Crpc और 313 Crpc के बयान में अभियुक्त के हस्ताक्षर होना जरूरी है?

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