भारतीय न्याय संहिता की धारा 11| Bharatiya Nyaya Sanhita Section 11

भारतीय न्याय संहिता की धारा 11 हिन्दी मे (BNS Act Section-11 in Hindi) –

अध्याय II
दण्ड के विषय में
भारतीय न्याय संहिता की धारा 11. एकान्त कारावास।

11. जब कभी किसी व्यक्ति को किसी ऐसे अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है जिसके लिए इस संहिता के अंतर्गत न्यायालय को उसे कठोर कारावास की सजा देने की शक्ति है, तो न्यायालय अपने दंडादेश द्वारा आदेश दे सकता है कि अपराधी को उस कारावास के किसी भाग या भागों के लिए एकांत कारावास में रखा जाएगा, जिसकी उसे सजा दी गई है, जो कुल मिलाकर तीन महीने से अधिक नहीं होगा, निम्नलिखित पैमाने के अनुसार, अर्थात्: –
(क) एक महीने से अधिक नहीं का समय यदि कारावास की अवधि छह महीने से अधिक नहीं होगी;
(ख) दो महीने से अधिक नहीं का समय यदि कारावास की अवधि छह महीने से अधिक और एक वर्ष से अधिक नहीं होगी;
(ग) तीन महीने से अधिक नहीं का समय यदि कारावास की अवधि एक वर्ष से अधिक होगी।

Bharatiya Nyaya Sanhita Section 11 in English (BNS Act Section-11 in English) –

Chapter II
Of Punishments
11. Solitary confinement.

11. Whenever any person is convicted of an offence for which under this Sanhita the Court has power to sentence him to rigorous imprisonment, the Court may, by its sentence, order that the offender shall be kept in solitary confinement for any portion or portions of the imprisonment to which he is sentenced, not exceeding three months in the whole, according to the following scale, namely:-
(a) a time not exceeding one month if the term of imprisonment shall not exceed six months;
(b) a time not exceeding two months if the term of imprisonment shall exceed six months and shall not exceed one year;
(c) a time not exceeding three months if the term of imprisonment shall exceed one year.