भारतीय न्याय संहिता की धारा 177 हिन्दी मे (BNS Act Section-177 in Hindi) –
अध्याय X
177. जो कोई किसी अन्य व्यक्ति को, राजस्व के प्रयोजन के लिए सरकार द्वारा जारी किए गए किसी कूटरचित या नकली सिक्के, स्टाम्प, करेंसी नोट या बैंक नोट को, यह जानते हुए या विश्वास करने का कारण रखते हुए कि वह कूटरचित या नकली है, बेचेगा या परिदत्त करेगा या उससे खरीदेगा या प्राप्त करेगा, या अन्यथा असली के रूप में व्यापार करेगा या उपयोग में लाएगा, वह आजीवन कारावास से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।
सिक्के, करेंसी नोट, बैंक नोट और सरकारी
टिकटों से संबंधित अपराध।
177. असली, जाली या नकली सिक्के, सरकारी स्टाम्प,
करेंसी नोट या बैंक नोट के रूप में उपयोग करना।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 177 in English (BNS Act Section-177 in English) –
Chapter X
177. Whoever sells or delivers to, or buys or receives from, any other person, or otherwise traffics or uses as genuine, any forged or counterfeit coin, stamp issued by Government for the purpose of revenue, currency-note or bank-note, knowing or having reason to believe the same to be forged or counterfeit, shall be punished with imprisonment for life, or with imprisonment of either description for a term which may extend to ten years, and shall also be liable to fine.
Of Offences Relating to Coin, Currency
Notes, Bank Notes, and Government Stamps.
177. Using as genuine, forged or counterfeit coin,
Government stamp, currency-notes or bank notes.