भारतीय न्याय संहिता की धारा 238 | Bharatiya Nyaya Sanhita Section 238

भारतीय न्याय संहिता की धारा 238 हिन्दी मे (BNS Act Section-238 in Hindi) –

अध्याय XIV
झूठे साक्ष्य और लोक न्याय के विरुद्ध अपराध
238. किसी अपराध के संबंध में गलत जानकारी देना।

238. जो कोई यह जानते हुए या विश्वास करने का कारण रखते हुए कि कोई अपराध किया गया है, उस अपराध के संबंध में कोई इत्तिला देगा, जिसके बारे में वह जानता है या विश्वास करता है कि वह मिथ्या है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा।
स्पष्टीकरण- धारा 236 और 237 में तथा इस धारा में शब्द “अपराध” के अंतर्गत भारत से बाहर किसी स्थान पर किया गया कोई कार्य है, जो यदि भारत में किया जाता तो निम्नलिखित धाराओं में से किसी के अधीन दंडनीय होता, अर्थात् 97, 99, 172, 173, 174, 175, 301,303, 304, 305, 306, 320, 325 और 326।

Bharatiya Nyaya Sanhita Section 238 in English (BNS Act Section-238 in English) –

Chapter XIV
Of False Evidence and Offences Against Public Justice.
238. Giving false information respecting
an offence committed.

238. Whoever, knowing or having reason to believe that an offence has been committed, gives any information respecting that offence which he knows or believes to be false, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to two years, or with fine, or with both.
Explanation– In sections 236 and 237 and in this section the word “offence” includes any act committed at any place out of India, which, if committed in India, would be punishable under any of the following sections, namely, 97, 99, 172, 173, 174, 175, 301,303, 304, 305, 306, 320, 325 and 326.