भारतीय न्याय संहिता की धारा 288 हिन्दी मे (BNS Act Section-288 in Hindi) –
अध्याय XV
288. जो कोई किसी भवन को गिराने, उसकी मरम्मत करने या निर्माण करने में जानबूझकर या उपेक्षापूर्वक उस भवन के साथ ऐसे उपाय करने में चूक करेगा जो उस भवन या उसके किसी भाग के गिरने से मानव जीवन को होने वाले किसी संभाव्य खतरे से बचाने के लिए पर्याप्त हैं, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पांच हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दंडित किया जाएगा।
सार्वजनिक स्वास्थ्य, सुरक्षा, सुविधा, शालीनता और
नैतिकता को प्रभावित करने वाले अपराध।
288. इमारतों को गिराने, उनकी मरम्मत करने या
निर्माण करने आदि के संबंध में लापरवाहीपूर्ण आचरण।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 288 in English (BNS Act Section-288 in English) –
Chapter XV
288. Whoever, in pulling down, repairing, or constructing any building, knowingly or negligently omits to take such measures with that building as is sufficient to guard against any probable danger to human life from the fall of that building, or of any part thereof, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to six months, or with fine which may extend to five thousand rupees, or with both.
Of Offences Affecting the Public Health, Safety,
Convenience, Decency, and Morals.
288. Negligent conduct with respect to pulling
down, repairing or constructing buildings etc.