भारतीय न्याय संहिता की धारा 336 | Bharatiya Nyaya Sanhita Section 336

भारतीय न्याय संहिता की धारा 336 हिन्दी मे (BNS Act Section-336 in Hindi) –

अध्याय XVIII
दस्तावेजों और संपत्ति चिह्नों से
संबंधित अपराधों के विषय में।
336. मूल्यवान प्रतिभूति, वसीयत
आदि की जालसाजी।

336. जो कोई किसी दस्तावेज की जालसाजी करता है, जो मूल्यवान प्रतिभूति या वसीयत या पुत्र को दत्तक ग्रहण करने का प्राधिकार होना तात्पर्यित है, या जो किसी व्यक्ति को कोई मूल्यवान प्रतिभूति बनाने या अन्तरित करने, या उस पर मूलधन, ब्याज या लाभांश प्राप्त करने, या कोई धन, चल सम्पत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति प्राप्त करने या देने का प्राधिकार देने तात्पर्यित है, या कोई दस्तावेज, जो धन के भुगतान को स्वीकार करने वाला परिचय या रसीद होना, या किसी चल सम्पत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति के परिदान के लिए परिचय या रसीद होना तात्पर्यित है, वह आजीवन कारावास से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।

Bharatiya Nyaya Sanhita Section 336 in English (BNS Act Section-336 in English) –

Chapter XVIII
Of Offences Relating to Documents
and to Property Marks.
336. Forgery of valuable
security, will, etc.

336. Whoever forges a document which purports to be a valuable security or a will, or an authority to adopt a son, or which purports to give authority to any person to make or transfer any valuable security, or to receive the principal, interest or dividends thereon, or to receive or deliver any money, movable property, or valuable security, or any document purporting to be an acquaintance or receipt acknowledging the payment of money, or an acquaintance or receipt for the delivery of any movable property or valuable security, shall be punished with imprisonment for life, or with imprisonment of either description for a term which may extend to ten years, and shall also be liable to fine.