भारतीय न्याय संहिता की धारा 5| Bharatiya Nyaya Sanhita Section 5

भारतीय न्याय संहिता की धारा 5 हिन्दी मे (BNS Act Section-5 in Hindi) –

अध्याय II
दण्ड के विषय में
5. मृत्यु दण्ड या आजीवन कारावास का लघुकरण।

5. प्रत्येक मामले में जिसमें,-
(क) मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है, समुचित सरकार अपराधी की सहमति के बिना, इस संहिता द्वारा प्रदान किए गए किसी अन्य दंड के लिए सजा को कम कर सकती है;
(ख) आजीवन कारावास पारित किया गया है, समुचित सरकार अपराधी की सहमति के बिना, चौदह वर्ष से अधिक अवधि के लिए किसी भी प्रकार के कारावास के लिए सजा को कम कर सकती है।
स्पष्टीकरण- इस धारा के प्रयोजनों के लिए अभिव्यक्ति “उचित सरकार” का अर्थ है,-
(क) ऐसे मामलों में जहां सजा मृत्यु की सजा है या (मृत्यु या नहीं) किसी कानून के खिलाफ अपराध के लिए है, जो किसी ऐसे मामले से संबंधित है, जिस पर राज्य की कार्यकारी शक्ति विस्तारित होती है, उस राज्य की सरकार जिसके भीतर अपराधी को सजा सुनाई गई है।

Bharatiya Nyaya Sanhita Section 5 in English (BNS Act Section-5 in English) –

Chapter II
Of Punishments
5. Commutation of sentence of
death or imprisonment for life.

5. In every case in which sentence of,–
(a) death has been passed, the appropriate Government may, without the consent of the offender, commute the punishment for any other punishment provided by this Sanhita;
(b) imprisonment for life has been passed, the appropriate Government may, without the consent of the offender, commute the punishment for imprisonment of either description for a term not exceeding fourteen years.
Explanation– For the purposes of this section expression“ appropriate Government” means,–
(a) in cases where the sentence is a sentence of death or is for an offence against (whether of death or not) is for an offence against any law relating to a matter to which the executive power of the State extends, the Government of the State within which the offender is sentenced.