नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 120 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 120 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 120 का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 120 के अन्तर्गत ऐसे किसी व्यक्ति द्वारा निष्पादित किया जाने वाला बन्धपत्र उसे, यथास्थिति, परिशान्ति कायम रखने या सदाचारी रहने के लिये आबद्ध करेगा और बाद की दशा में कारावास से दंडनीय कोई अपराध करना या करने का प्रयत्न या दुष्प्रेरण करना, चाहे वह कहीं भी किया जाए, बन्धपत्र का भंग है। तो यह धारा 120 के अंतर्गत कारावास से दंडनीय कोई अपराध करना या करने का प्रयत्न या दुष्प्रेरण करना, चाहे वह कहीं भी किया जाए, बन्धपत्र का भंग है।
सीआरपीसी की धारा 120 के अनुसार
बन्धपत्र की अन्तर्वस्तुएं-
ऐसे किसी व्यक्ति द्वारा निष्पादित किया जाने वाला बन्धपत्र उसे, यथास्थिति, परिशान्ति कायम रखने या सदाचारी रहने के लिये आबद्ध करेगा और बाद की दशा में कारावास से दंडनीय कोई अपराध करना या करने का प्रयत्न या दुष्प्रेरण करना, चाहे वह कहीं भी किया जाए, बन्धपत्र का भंग है।
Contents of bond-
The bond to be executed by any such person shall bind him to keep the peace or to be of good behavior, as the case may be, and in the latter case the commission or attempt to commit, or the abatement of, any offence punishable with imprisonment, wherever it may be committed, is a breach of the bond.
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 120 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।