नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 263 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 263 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 263 का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 263 के अन्तर्गत जब कोई व्यक्ति किसी अपराध में लिप्त हो जाता है तो यह धारा किए गए अपराध पर सरकार द्वारा निर्दिष्ट न्यायिक प्रकिया को बताता है, अर्थात् जब किसी मामले में अपराध दर्ज कराया जाता है, तो राज्य सरकार द्वारा निर्दिष्ट प्रक्रिया के आधार पर वाद का विचारण किया जाता है। यह धारा 263 प्रत्येक मामले में संक्षिप्त विचारणों में अभिलेख की प्रक्रिया को बताती है।
सीआरपीसी की धारा 263 के अनुसार
संक्षिप्त विचारणों में अभिलेख–
संक्षेपत: विचारित प्रत्येक मामले में मजिस्ट्रेट ऐसे प्ररूप में, जैसा राज्य सरकार निर्दिष्ट करे, निम्नलिखित विशिष्टियां प्रविष्ट करेगा, अर्थात् :-
(क) मामले का क्रम संख्यांक ;
(ख) अपराध किए जाने की तारीख ;
(ग) रिपोर्ट या परिवाद की तारीख ;
(घ) परिवादी का (यदि कोई हो) नाम ;
(ङ) अभियुक्त का नाम, उसके माता-पिता का नाम और उसका निवास ;
(च) वह अपराध जिसका परिवाद किया गया है और वह अपराध जो साबित हुआ है (यदि कोई हो), और धारा 260 की उपधारा (1) के खण्ड (ii), खण्ड (iii) या खण्ड (iv) के अधीन आने वाले मामलों में उस सम्पत्ति का मूल्य जिसके बारे में अपराध किया गया है;
(छ) अभियुक्त का अभिवाक् और उसकी परीक्षा (यदि कोई हो) ;
(ज) निष्कर्ष ;
(झ) दण्डादेश या अन्य अंतिम आदेश ;
(ञ) कार्यवाही समाप्त होने की तारीख।
Record in summary trials-
In every case tried summarily, the Magistrate shall enter, in such form as the State Government may direct, the following particulars, namely :-
(a) the serial number of the case;
(b) the date of the commission of the offence;
(c) the date of the report or complaint ;
(d) the name of the complainant (if any);
(e) the name, parentage and residence of the accused;
(f) the offence complained of and the offence (if any) proved, and in cases coming under clause (ii), clause (iii) or clause (iv) of sub-section (1) of Section 260, the value of the property in respect of which the offence has been committed;
(g) the plea of the accused and his examination (if any);
(h) the findings ;
(i) the sentence or other final order;
(j) the date on which proceedings terminated.
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 263 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।