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आईपीसी की धारा 83 | सात वर्ष से ऊपर किंतु बारह वर्ष से कम आयु के अपरिपक्व समझ के शिशु का कार्य | IPC Section- 83 in hindi| Act of a child above saven and under twelve of immature understanding.

IPC-83

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 83 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 83 साथ ही हम आपको IPC की धारा 83 सम्पूर्ण जानकारी एवम् परिभाषा इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 83 का विवरण

भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 83 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। जो कोई जिसकी आयु सात वर्ष से ऊपर बारह वर्ष से कम अपरिपक्व समझ के शिशु का कार्य, उसके द्वारा किया गया कोई कार्य अपराध की श्रेणी में नहीं आएगा। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 83 इसी विषय के बारे में बतलाती है।

आईपीसी की धारा 83 के अनुसार-

सात वर्ष से ऊपर किंतु बारह वर्ष से कम आयु के अपरिपक्व समझ के शिशु का कार्य-

कोई बात अपराध नही है, जो सात वर्ष से ऊपर और बारह वर्ष से कम आयु के ऐसे शिशु द्वारा को जाती है जिसकी समझ इतनी परिपक्व नहीं हुई है कि वह उस अवसर पर अपने आचरण की प्रकृति और परिणामों का निर्णय कर सके।

Act of a child above seven and under twelve of immature understanding-

Nothing an offence which is done by a child above seven years of age and under twelve, who has not attained sufficient maturity of understanding to judge of the nature and consequences of his conduct on that occasion.

हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 83 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो,तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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