आईपीसी की धारा 90 | सम्मति, जिसके सम्बन्ध में यह ज्ञात हो कि वह भय या भ्रम के अधीन दी गयी है | IPC Section- 90 in hindi| Consent known to be given under fear or misconception.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 90 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 90 साथ ही हम आपको IPC की धारा 90 सम्पूर्ण जानकारी एवम् परिभाषा इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 90 का विवरण

भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 90 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। यह धारा उन सम्मति (Consent) के बारे में बताती है, जैसा कि उन मामलों को सम्मति, ऐसी सम्मति नही मानी जाएगी, जिसमे किसी पक्ष ने भय या भ्रम से अथवा किसी चित्तविकृति व्यक्ति या मंदबुद्धि वाले व्यक्ति अथवा किसी बारह वर्ष से कम आयु के बालक ने सम्मति दी है। ऐसी सम्मति, सम्मति नही मानी जाएगी। यह धारा ऐसे मामलो को परिभाषित करती है, भारतीय दण्ड संहिता की धारा 90 इसी विषय के बारे में बतलाती है।

आईपीसी की धारा 90 के अनुसार-

सम्मति, जिसके सम्बन्ध में यह ज्ञात हो कि वह भय या भ्रम के अधीन दी गयी है-

कोई सम्मति ऐसी सम्मति नहीं है जैसी इस संहिता की किसी धारा से आशयित है, यदि वह सम्मति किसी व्यक्ति ने क्षति, भय के अधीन, या तथ्य के भ्रम के अधीन दी हो, और यदि कार्य करने वाला व्यक्ति यह जानता हो या उसके पास विश्वास करने का कारण हो कि ऐसे भय या भ्रम के परिणामस्वरूप वह सम्मति दी गयी थी; अथवा
उन्मत्त व्यक्ति की सम्मति (Consent of insane person)- यदि वह सम्मति ऐसे व्यक्ति ने दी हो जो चित्तविकृति या मतता के कारण उस बात की, जिसके लिए वह अपनी सम्मति देता है, प्रकृति और परिणाम को समझने में असमर्थ हो अथवा
शिशु की सम्मति Consent of child)- जब तक कि सन्दर्भ से तत्प्रतिकूल प्रतीत न हो, यदि वह सम्मति ऐसे व्यक्ति ने दी हो जो बारह वर्ष से कम आयु का है।

Consent known to be given under fear or misconception-
A consent is not such a consent as is intended by any section of this Code, if the consent is given by a person under fear of injury or under a misconception of fact, and if the person doing the act knows, or has reason to believe, that the consent was given in consequence of such fear or misconception; or
Consent of insane person- if the consent is given by a person who, from unsoundness of mind, or intoxication, is unable to understand the nature and consequence of that to which he gives his consent ; or Consent of child- unless the contrary appears from the context, if the consent is given by a person who is under twelve years of age.

हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 90 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके पास कोई सवाल हो,तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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