नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए मोटर वाहन अधिनियम की धारा 140 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 140, साथ ही इस धारा के अंतर्गत क्या परिभाषित किया गया है, यह सभी जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 140 का विवरण
मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) की धारा -140 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। इस अध्याय के अधीन जहां मोटर यान या मोटर यानों के उपयोग में हुई दुर्घटना के परिणामस्वरूप किसी व्यक्ति की मृत्यु या स्थाई निःशक्तता हुई है वहां, यथास्थिति, यान का स्वामी या यानों के स्वामी ऐसी मृत्यु या निःशक्तता के बारे में प्रतिकर का संदाय इस धारा के उपबंधों के अनुसार संयुक्ततः और पृथकतः करने के लिए दायी होंगे।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 140 के अनुसार
त्रुटि न होने के सिद्धान्त पर कतिपय मामलों में प्रतिकर का संदाय करने का दायित्व-
(1) जहां मोटर यान या मोटर यानों के उपयोग में हुई दुर्घटना के परिणामस्वरूप किसी व्यक्ति की मृत्यु या स्थाई निःशक्तता हुई है वहां, यथास्थिति, यान का स्वामी या यानों के स्वामी ऐसी मृत्यु या निःशक्तता के बारे में प्रतिकर का संदाय इस धारा के उपबंधों के अनुसार संयुक्ततः और पृथकतः करने के लिए दायी होंगे।
(2) ऐसे प्रतिकर की रकम, जो किसी व्यक्ति की मृत्यु के बारे में उपधारा (1) के अधीन संदेय होगी, पचास हजार रुपए की नियत राशि होगी और किसी व्यक्ति की स्थाई निःशक्तता के बारे में उस उपधारा के अधीन संदेय प्रतिकर की रकम, पच्चीस हजार रुपए की नियत राशि होगी।
(3) उपधारा (1) के अधीन प्रतिकर के लिए किसी दावे में दावेदार से यह अपेक्षा नहीं की जाएगी कि वह यह अभिवाक् दे और यह सिद्ध करे कि वह मृत्यु या स्थाई निःशक्तता जिसके बारे में प्रतिकर का दावा किया गया है संबंधित यान या यानों के स्वामी या स्वामियों के या किसी अन्य व्यक्ति के किसी दोषपूर्ण कार्य, उपेक्षा या व्यतिक्रम के कारण हुई थी।
(4) उपधारा (1) के अधीन प्रतिकर के लिए दावा, यथास्थिति, ऐसे व्यक्ति के जिसकी मृत्यु या स्थाई निःशक्तता के बारे में दावा किया गया है, किसी दोषपूर्ण कार्य, उपेक्षा या व्यतिक्रम के कारण विफल नहीं होगा और ऐसी मृत्यु या स्थाई निःशक्तता के बारे में वसूलीय प्रतिकर की मात्रा ऐसी मृत्यु या स्थाई निःशक्तता के उत्तरदायित्व में ऐसे व्यक्ति के अंश के आधार पर कम नहीं की जाएगी ।
(5) किसी व्यक्ति की मृत्यु या शारीरिक क्षति के संबंध में उपधारा (2) में किसी बात के होते हुए भी, जिसके लिए यान का स्वामी अनुतोष के रूप में प्रतिकर देने का दायी है, वह तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन प्रतिकर का संदाय करने का भी दायी होगा :
परन्तु किसी अन्य विधि के अधीन किए जाने वाले प्रतिकर की ऐसी रकम को इस धारा या धारा 163क के अधीन संदेय प्रतिकर की रकम में से घटा दिया जाएगा ।
Liability to pay compensation in certain cases on the principle of no-fault-
(1) Where death or permanent disablement of any person has resulted from an accident arising out of the use of a motor vehicle or motor vehicles, the owner of the vehicle shall, or, as the case may be, the owners of the vehicles shall, jointly and severally, be liable to pay compensation in respect of such death or disablement in accordance with the provisions of this section.
(2) The amount of compensation which shall be payable under sub-section (1) in respect of the death of any person shall be a fixed sum of fifty thousand rupees and the amount of compensation payable under that sub-section in respect of the permanent disablement of any person shall be a fixed sum of twenty-five thousand rupees.
(3) In any claim for compensation under sub-section (1), the claimant shall not be required to plead and establish that the death or permanent disablement in respect of which the claim has been made was due to any wrongful act, neglect or default of the owner or owners of the vehicle or vehicles concerned or of any other person.
(4) A claim for compensation under sub-section (1) shall not be defeated by reason of any wrongful act, neglect or default of the person in respect of whose death or permanent disablement the claim has been made nor shall the quantum of compensation recoverable in respect of such death or permanent disablement be reduced on the basis of the share of such person in the responsibility for such death or permanent disablement.
(5) Notwithstanding anything contained in sub-section (2) regarding death or bodily injury to any person, for which the owner of the vehicle is liable to give compensation for relief, he is also liable to pay compensation under any other law for the time being in force :
Provided that the amount of such compensation to be given under any other law shall be reduced from the amount of compensation payable under this section or under section 163A.
हमारा प्रयास मोटर वाहन अधिनियम (MV Act) की धारा 140 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।