आईपीसी की धारा 354D (पीछा करना) | IPC 354D in Hindi (Stalking)

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 354D के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 354D के अंतर्गत कैसे क्या सजा मिलती है और जमानत कैसे मिलती है, और यह अपराध किस श्रेणी में आता है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 354D का विवरण

भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 354D के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। जो कोई पुरूष किसी स्त्री का पीछा किसी गलत इरादे से करता है या किसी के लिये करता है अथवा इण्टनेट, इमेल या इलेक्ट्रानिक संसूचना के माध्यम निगरानी करता है तो वह इस धारा के अन्तर्गत कारावास से दंडित किया जाएगा, साथ ही जुर्माने से भी दंडित किया जाएगा।

आईपीसी की धारा 354D के अनुसार

पीछा करना-

(1) कोई पुरुष, जो
(i) किसी स्त्री का पीछा करेगा या ऐसी स्त्री द्वारा अनिच्छा के स्पष्ट उपदर्शन के बावजूद व्यक्तिगत अन्योन्यकिया को आगे बढ़ाने के लिए बार-बार ऐसी स्त्री से सम्पर्क करेगा या सम्पर्क करने का प्रयत्न करेगा, या
(ii) स्त्री द्वारा इण्टरनेट, ई-मेल या इलेक्ट्रानिक संसूचना के किसी अन्य प्रकार के प्रयोग का अनुवीक्षण करेगा,
पीछा करने का अपराध करेगा :
परन्तु यह कि ऐसा आचरण पीछा करने की कोटि में नहीं आयेगा, यदि वह पुरुष, जिसने पीछा किया, यह साबित करता है कि
(i) उसे अपराध को निवारित करने या उसका पता लगाने के प्रयोजन से किया गया था और पीछा करने वाले अभियुक्त पुरुष को राज्य द्वारा अपराध का निवारण करने और उसका पता लगाने का उत्तरदायित्व सौंपा गया था; या
(ii) पीछा किसी विधि के अधीन या किसी विधि के अधीन किसी व्यक्ति द्वारा अधिरोपित किसी शर्त या अपेक्षा का अनुपालन करने के लिए किया गया था; या
(iii) विशिष्ट परिस्थितियों में ऐसा आचरण के युक्तियुक्त और न्यायोचित था।
(2) जो कोई पीछा करने का अपराध कारित करेगा, वह प्रथम दोषसिद्धि पर दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जायेगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा और दूसरी या पश्चात्वर्ती दोषसिद्धि पर दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि पाँच वर्ष तक हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।

Stalking-
(1) Any man who
(i) follows a woman and contacts, or attempts to contact such woman to foster personal interaction repeatedly, despite a clear indication of disinterest by such woman; or
(ii) monitors the use by a woman of the internet, email or any other form of
electronic communication,
commits the offence of stalking:
Provided that such conduct shall not amount to stalking if the man who pursued it proves that-
(i) it was pursued for the purpose of preventing or detecting crime and the man accused of stalking had been entrusted with the responsibility of prevention and detection of crime by the State; or
(ii) it was pursued under any law or to comply with any condition or requirement imposed by any person under any law; or (iii) in the particular circumstances such conduct was reasonable and justified.
(2) Whoever commits the offence of stalking shall be punished on first conviction with imprisonment of either description for a term which may extend to three years, and shall also be liable to fine; and be punished on a second or subsequent conviction, with imprisonment of either description for a term which may extend to five years. and shall also be liable to fine.

लागू अपराध

पीछा करना।
सजा
-प्रथम दोषसिद्धि के लिये 3 वर्ष तक का कारावास और जुर्माने से भी।
यह अपराध एक जमानतीय और संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।
सजा- व्दितीय या पश्चात्वर्ती दोषसिद्ध के लिये 5 वर्ष तक का कारावास और जुर्माने से भी।
यह अपराध एक गैर-जमानतीय और संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।
किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

जुर्माना/सजा (Fine/Punishment) का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 354D के अंतर्गत जो कोई, किसी स्त्री का किसी गलत इरादे से पीछा करता है या इण्टरनेट के माध्यक से किसी पर निगरानी रखता है, तो प्रथम दोष सिद्ध होने पर 3 वर्ष तक कारावास से और जुर्माने से भी दण्डित होगा एवंम् व्दितीय या पश्चात्वर्ती दोषसिद्ध होने पर 5 वर्ष तक का हो सकेगा और जुर्माने से भी दायी होगा।

जमानत (Bail) का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 354D अंतर्गत जो अपराध कारित किए जाते है यह अपराध दंड प्रक्रिया संहिता में जमानतीय (Baileble) अपराध की श्रेणी में आते है, इसलिए इस धारा के अंतर्गत किए गए अपराध में जमानत मिल सकेगी, लेकिन व्दितीय या पश्चात्वर्ती दोषसिद्ध होने पर अपराध दंड प्रक्रिया संहिता में गैर-जमानतीय (Non-Baileble) अपराध की श्रेणी में आ जाता है, इसलिये असानी से जमानत नही मिल सकेगी।

अपराधदंडअपराध श्रेणीजमानतीय/गैर-जमानतीयविचारणीय
पीछा करना प्रथम दोष सिद्धिप्रथम दोषसिद्धि के लिये 3 वर्ष का कारावास और जुर्मानासंज्ञेयजमानतीयकिसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट
पीछा करना व्दितीय दोषसिद्धव्दितीय या पश्चात्वर्ती दोषसिद्ध के लिये 5 वर्ष का कारावास और जुर्मानासंज्ञेयगैर-जमानतीयकिसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट

हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 354D की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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