भारतीय न्याय संहिता की धारा 259 हिन्दी मे (BNS Act Section-259 in Hindi) –
अध्याय XIV
259. जो कोई लोक सेवक होते हुए, जो किसी ऐसे व्यक्ति को, जिस पर किसी अपराध का आरोप है या जो किसी अपराध के लिए दोषसिद्ध है या जो विधिपूर्वक अभिरक्षा में सौंपा गया है, कारावास में रखने के लिए ऐसे लोक सेवक के नाते वैध रूप से आबद्ध है, उपेक्षापूर्वक ऐसे व्यक्ति को कारावास से निकल भागने देता है, वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
झूठे साक्ष्य और लोक न्याय के विरुद्ध अपराध
259. लोक सेवक द्वारा लापरवाही से कारावास
या हिरासत से भागना।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 259 in English (BNS Act Section-259 in English) –
Chapter XIV
259. Whoever, being a public servant legally bound as such public servant to keep in confinement any person charged with or convicted of any offence or lawfully committed to custody, negligently suffers such person to escape from confinement, shall be punished with simple imprisonment for a term which may extend to two years, or with fine, or with both.
Of False Evidence and Offences Against Public Justice.
259. Escape from confinement or custody
negligently suffered by public servant.