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भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 क्या है और क्यों बनाया गया सम्पूर्ण जानकारी

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 (The Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023) भारतीय कानून की एक महत्वपूर्ण और नवीनतम् न्यायिक कानून है। जो अपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 के स्थान पर संसोधित कानून बनाया गया है। माना जा रहा है कि यह कानून 26 जनवरी 2024 से प्रभावी किया जायेगा। यह संहिता न्यायिक प्रक्रिया को सुगम और न्यायपूर्ण बनाने के उद्देश्य से बनाई गई है। यह संहिता भारत के न्यायपालिका प्रणाली को आधारभूत ढांचा प्रदान करती है।

इस संहिता में नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए कई प्रावधान हैं। इसमें नागरिकों को अपनी सुरक्षा के लिए जागरूक करने, नागरिकों के लिए सुरक्षा सेवाओं का विकास, और सुरक्षा एजेंसियों के लिए नये कानून का विकास भी शामिल है। यह कानून यह भी सुनिश्चित करता है कि सभी नागरिकों को सुरक्षित रहने का अधिकार हो और उनकी जिम्मेदारियों को पूरा किया जाए।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 मे कुल 531 धाराये है, जिन्हे 39 अध्यायों मे बांटा गया है । 11 अगस्त 2023 को विधेयक पेश किया गया, जिसे 12 दिसम्बर 2023 को वापस ले लिया गया। इसके बाद कई बदलाव करके पुनः 12 दिसम्बर 2023 विधेयक लोकसभा मे पारित किया गया। जिसे राष्ट्रपति दौपदी मुर्मू और भारत के गृहमंत्री अमित शाह व्दारा दिनांक 25 दिसम्बर 2023 को लोक सभा मे पारित करने के सहमति दी गयी है, माना जा रहा है, यह कानून 26 जनवरी 2024 से इसे सम्पूर्ण भारत मे लागू किया जा सकेगा।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 कानून को क्यो लाने की जरूरत पड़ी?

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 कानून के अंतर्गत, नए सुरक्षा उपाय और नियम शामिल होंगे। इसमें नागरिकों की सुरक्षा के लिए विभिन्न उपाय और नियमों का प्रावधान करता है। यह संहिता आतंकवाद, जासूसी, आपराधिक गतिविधियों और अन्य सुरक्षा कठिनाइयों का सामना करने के लिए एक मजबूत नेतृत्व प्रदान करता है।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 कानून को लाने का उद्देश्य देश की सुरक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करना है। इसके माध्यम से, नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए नए और प्रभावी तरीकों का उपयोग किया जाता है। इससे देश की सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा में सुधार होगा। इस संहिता के अंतर्गत, विभिन्न सुरक्षा प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए, नए और और प्रभावी नियम नागरिक सुरक्षा मजबूत होगी। इसका मुख्य उद्देश्य देश की सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना है।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 भारतीय न्याय प्रणाली में प्रमुख परिवर्तन क्या है-

बीएनएसएस सीआरपीसी में कई बदलाव करता है, जिनमें शामिल हैं:

  • कानून को समेकित और सरल बनाना : बीएनएसएस सीआरपीसी के कई प्रावधानों को निरस्त और संशोधित करके कानून को समेकित और सरल बनाता है।
  • अभियुक्तों के अधिकारों को मजबूत करना : बीएनएसएस कई सुरक्षा उपाय प्रदान करके अभियुक्तों के अधिकारों को मजबूत करता है, जैसे वकील का अधिकार, चुप रहने का अधिकार और निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार।
  • आपराधिक न्याय प्रणाली की दक्षता में सुधार: बीएनएसएस प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करके और देरी को कम करके आपराधिक न्याय प्रणाली की दक्षता में सुधार करना चाहता है।

बीएनएसएस में किए गए कुछ प्रमुख बदलाव निम्नलिखित हैं:

  • गिरफ्तारी: बीएनएसएस गिरफ्तारी के लिए आधार का विस्तार करता है और व्यापक मामलों में बिना वारंट के गिरफ्तारी की अनुमति देता है।
  • जमानत: बीएनएसएस पुलिस के लिए जमानत का विरोध करना अधिक कठिन बना देता है और व्यापक मामलों में जमानत की अनुमति देता है।
  • जांच: बीएनएसएस पुलिस को अपराधों की जांच करने के लिए अधिक अधिकार देता है और उन्हें एक निर्दिष्ट समय अवधि के भीतर जांच पूरी करने की आवश्यकता होती है।
  • परीक्षण: बीएनएसएस परीक्षण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करता है और अदालतों को एक निर्दिष्ट समय अवधि के भीतर मामलों का निपटान करने की आवश्यकता होती है।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 (The Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023) PDF

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 (The Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023) भारतीय संविधान के तहत बनाई गई एक महत्वपूर्ण कानून है। यह संहिता देश की सुरक्षा और रक्षा के मामलों को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है और नागरिकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाया गया है।

यदि आप भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 को पढ़ना और डाउनलोड करना चाहते है, तो डाउनलोड़ कर सकते है।

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