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भारतीय न्याय संहिता 2023 क्या है और क्यों बनाया गया सम्पूर्ण जानकारी

भारतीय न्याय संहिता 2023 भारतीय कानून की एक महत्वपूर्ण और नवीनतम् न्यायिक कानून है। जो भारतीय दण्ड संहिता 1860 के स्थान पर संसोधित कानून बनाया गया है। माना जा रहा है कि यह कानून 26 जनवरी 2024 से प्रभावी किया जायेगा। यह संहिता न्यायिक प्रक्रिया को सुगम और न्यायपूर्ण बनाने के उद्देश्य से बनाई गई है। यह संहिता भारत के न्यायपालिका प्रणाली को आधारभूत ढांचा प्रदान करती है।

भारतीय न्याय संहिता 2023 मे कुल 356 धाराये है, जिन्हे 19 अध्यायों मे बांटा गया है । जिसे राष्ट्रपति दौपदी मुर्मू और भारत के गृहमंत्री अमित शाह व्दारा लोक सभा मे 11 अगस्त 2023 को विधेयक पारित करने के उपरांत अनुमति दी गयी है, माना जा रहा है, 26 जनवरी 2024 से इसे सम्पूर्ण भारत मे लागू किया जा सकेगा।

भारतीय न्याय संहिता 2023 (The Bhartiya Nyaya Sanhita, 2023) 11 अगस्त 2023 को भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में भारतीय न्याय संहिता विधेयक, 2023 पेश किया। यह विधेयक को भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली में एक महत्वपूर्ण और स्मरणीय सुधार माना जा रहा है। यह संहिता भारतीय संविधान और न्यायिक प्रक्रिया को सम्पूर्ण रूप से संशोधित करेगी। इसमें कई महत्वपूर्ण परिवर्तन होंगे जो न्यायिक प्रक्रिया को आधुनिक और प्रभावी बनाने के लिए संसोधित किया गया है।

भारतीय न्याय संहिता 2023 कानून को क्यो लाने की जरूरत पड़ी?

भारतीय न्याय संहिता 2023 कानून को लाने की जरूरत इसलिये पड़ी क्योंकि वर्तमान समय के न्याय संहिता आधारित कानूनों में कुछ गड़बड़ियां प्रदर्शित हो रही थी। जिसमे सुधार करने की आवश्यकता थी। इसके अलावा, नए समय के अनुकूल और तेजी से बदलते समाज के मामलों को ध्यान में रखते हुए, यह नया न्याय संहिता कानून लाना पड़ा।

यह कानून व्यक्तिगत स्वतंत्रता और अधिकारों को मजबूत करने के लिए नए उपाय प्रदान करता है। यह न्याय संहिता भारतीय नागरिकों को उनके अधिकारों के लिए सुरक्षा प्रदान करता है। इस कानून में न्यायिक प्रक्रिया को सुगठित करने के लिए नए नियम और विधियाँ भी शामिल है। यह न्यायिक प्रक्रिया को अधिक संवेदनशील और दर्शकों के लिए स्पष्ट बनाने का प्रयास करता है। इससे न्यायिक प्रक्रिया में सुधार होगा और न्यायिक प्रकिया मे गति बढ़ेगी।

 नया न्याय संहिता कानून अपराधों के खिलाफ तार्किक और न्यायिक प्रक्रिया को सुधारेगा। यह अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए नए और प्रभावी उपाय प्रदान करेगा। इससे अपराधों के खिलाफ न्यायिक प्रक्रिया में विश्वास और संवेदनशीलता बढ़ेगी।

भारतीय न्याय संहिता, 2023 भारतीय न्याय प्रणाली में प्रमुख परिवर्तन क्या है-

भारतीय न्याय संहिता 2023 में बदलाव किया जाना बहुत ही आवश्यक था, क्योकि पहले आरोपी को निर्दोष होने पर भी गम्भीर अपराध कारित होने की स्थिति मे पहले ही हिरासत मे ले लिया जाता था, चाहे वह निर्दोष ही क्यो न हो, लेकिन अब अपराधियों के खिलाफ दायित्वपूर्ण सबूतों की आवश्यकता होगी। यदि दोषी होगा तो तत्काल हिरासत, और अगर निर्दोष होगा, तो आरोप पहले सिद्ध करना पड़ेगा। यह बदलाव न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाएगा और निर्णयों को सुरक्षित करेगा।

न्यायालयों को अपराधियों के खिलाफ तेजी से निर्णय देने की आवश्यकता होगी। भारतीय न्याय संहिता 2023 ने न्यायिक प्रक्रिया को तेज करने के लिए कई सुधार किए हैं। अब अपराधी को बिना लंबी प्रक्रिया के चलाए बिना ही निर्णय दिया जा सकेगा। यह बदलाव न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक अद्यतन और सुगठित करेगा और अपराधियों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई करने में मदद करेगा।

भारतीय न्याय संहिता 2023 में यह है कि अब न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाया जाएगा। इससे अपराधियों के खिलाफ मुकदमों की जल्दी सुनवाई होगी और न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी। यह बदलाव न्यायिक प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ बनाएगा और न्यायिक निर्णयों की प्रक्रिया को और भी आसान बनाएगा।

  • भारतीय न्याय संहिता 2023 के अंतर्गत राजद्रोह कानून निरस्त हो जायेगा।
  • भारतीय न्याय संहिता 2023 के अंतर्गत महिलाओं और बच्चों को हिंसा से बचाने के लिए नए प्रावधान लाये गये हैं।
  • भारतीय न्याय संहिता 2023 के अंतर्गत अपराध पीड़ितों को न्याय मिलना आसान हो जायेगा।
  • भारतीय न्याय संहिता 2023 कानून न्यायपालिका को स्वतंत्र एवंम् सशक्त बनायेगा।
  • भारतीय दंड संहिता की धारा 377 को पूर्ण रूप से हटाकर न केवल समलैंगिकता, बल्कि पुरुषों और महिलाओं के बीच सहमित या गैर-सहमति से हुए एनल और ओरल मैथुन, एवं अप्राकृतिक संभोग को भी वैध घोषित कर देगा।
भारतीय न्याय संहिता 2023 (The Bhartiya Nyaya Sanhita, 2023) PDF

भारतीय न्याय संहिता 2023 (The Bhartiya Nyaya Sanhita, 2023) BNS Act PDF Download कर सकते है।

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