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सीआरपीसी की धारा 443 | जब पहले ली गई जमानत अपर्याप्त है तब पर्याप्त जमानत के लिए आदेश देने की शक्ति | CrPC Section- 443 in hindi| Power to order sufficient bail when that first taken is insufficient.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 443 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 443 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 443 का विवरण

दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 443 के अन्तर्गत यदि भूल या कपट के कारण या अन्यथा अपर्याप्त प्रतिभू स्वीकार कर लिए गए हैं अथवा यदि वे बाद में अपर्याप्त हो जाते हैं तो न्यायालय यह निदेश देते हुए गिरफ्तारी का वारंट जारी कर सकता है कि जमानत पर छोड़े गए व्यक्ति को उसके समक्ष लाया जाए और उसे पर्याप्त प्रतिभू देने का आदेश दे सकता है और उसके ऐसा करने में असफल रहने पर उसे जेल सुपुर्द कर सकता है।

सीआरपीसी की धारा 443 के अनुसार

जब पहले ली गई जमानत अपर्याप्त है तब पर्याप्त जमानत के लिए आदेश देने की शक्ति–

यदि भूल या कपट के कारण या अन्यथा अपर्याप्त प्रतिभू स्वीकार कर लिए गए हैं अथवा यदि वे बाद में अपर्याप्त हो जाते हैं तो न्यायालय यह निदेश देते हुए गिरफ्तारी का वारंट जारी कर सकता है कि जमानत पर छोड़े गए व्यक्ति को उसके समक्ष लाया जाए और उसे पर्याप्त प्रतिभू देने का आदेश दे सकता है और उसके ऐसा करने में असफल रहने पर उसे जेल सुपुर्द कर सकता है।

Power to order sufficient bail when that first taken is insufficient-
If, through mistake, fraud, or otherwise, insufficient sureties have been accepted, or if they afterwards, become insufficient, the Court may issue a warrant of arrest directing that the person released on bail be brought before it and may order him to find sufficient sureties, and, on his failing so to do, may commit him to jail.

हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 443 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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