नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए मोटर वाहन अधिनियम की धारा 74 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 74, साथ ही इस धारा के अंतर्गत क्या परिभाषित किया गया है, यह सभी जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 74 का विवरण
मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) की धारा -74 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। इस अधिनियम के आधीन ठेका गाड़ी के परमिट के लिए (जिसे इस अध्याय में ठेका गाड़ी परमिट का दिया जाना) आवेदन में निम्नलिखित विशिष्टियाँ दी जाएंगी, अर्थात् यान की किस्म और उसमें बैठने के स्थान वह क्षेत्र जिसके लिए परमिट दे सकता है या देने से इंकार कर सकता है।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 74 के अनुसार
ठेका गाडी परमिट का दिया जाना-
(1) उपधारा (3) के उपबंधों के अधीन रहते हए, प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण धारा 73 के अधीन उसे आवेदन किए जाने पर उस आवेदन के अनुसार या ऐसे उपांतरणों सहित, जो वह ठीक समझता है, ठेका-गाडी परमिट दे सकेगा या ऐसा परमिट देने से इंकार कर सकेगा:
परन्तु ऐसा कोई परमिट ऐसे किसी क्षेत्र के लिए नहीं दिया जाएगा जो आवेदन में विनिर्दिष्ट नहीं है।
(2) यदि प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण यह विनिश्चय करता है कि ठेका गाड़ी परमिट दिया जाए तो वह ऐसे किन्हीं नियमों के अधीन रहते हुए, जो इस अधिनियम के अधीन बनाए जाएं, परमिट के साथ निम्नलिखित शर्तों में से कोई एक या अधिक शर्ते लगा सकेगा, अर्थात् :-
(i) यानों का उपयोग विनिर्दिष्ट क्षेत्र में अथवा विनिर्दिष्ट मार्ग या मार्गों पर ही किया जाएगा;
(ii) किसी अस्तित्वशील संविदा के विस्तारण या उपांतरण से भिन्न भाड़े की कोई भी संविदा विनिर्दिष्ट क्षेत्र के बाहर विनिर्दिष्ट शर्तों के अनुसार ही की जा सकेगी, अन्यथा नहीं;
(iii) यात्रियों की अधिकतम संख्या और सामान का अधिकतम वजन, जो यानों में या तो साधारणतया या विनिर्दिष्ट अवसरों पर या विनिर्दिष्ट समयों और मौसमों में ले जाया जा सकेगा;
(iv) वे शर्ते जिनके अधीन रहते हुए किसी ठेका गाड़ी में यात्रियों के साथ-साथ अथवा यात्रियों के बिना माल ले जाया जा सकेगा;
(v) मोटर टैक्सियों की दशा में विनिर्दिष्ट यात्री किराए या विनिर्दिष्ट दरों पर यात्री किराए लिए जाएंगे और यात्री किराया सारणी की एक प्रति यान पर प्रदर्शित की जाएगी;
(vi) मोटर टैक्सियों से भिन्न यानों की दशा में, विनिर्दिष्ट अधिकतम दरों से अनधिक, विनिर्दिष्ट दरों पर किराया लिया जाएगा;
(vii) मोटर टैक्सियों की दशा में यात्रियों के सामान का विनिर्दिष्ट वजन निःशुल्क ले जाया जाएगा और यदि उससे अधिक सामान के लिए कोई प्रभार है तो वह विनिर्दिष्ट दर पर होगा;
(viii) मोटर टैक्सियों की दशा में, यदि कोई टैक्सी-मीटर विहित किया गया है तो, वह ठीक चालू हालत में लगाया जाएगा और बनाए रखा जाएगा;
(ix) प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण कम से कम एक मास की सूचना देने के पश्चात्–
(क) परमिट की शर्तों में परिवर्तन कर सकेगा;
(ख) परमिट के साथ अतिरिक्त शर्ते लगा सकेगा;
(x) परमिट की शर्तों से विचलन प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण के अनुमोदन से ही किया जाएगा, अन्यथा नहीं;
(xi) यानों में आराम और सफाई के विनिर्दिष्ट स्तरमान बनाए रखे जाएंगे;
(xii) असाधारण प्रकृति की परिस्थितियों के सिवाय यान के चलाने या यात्रियों को ले जाने से इंकार नहीं किया जाएगा;
(xiii) कोई अन्य शर्ते जो विहित की जाएं :
परंतु प्रादेशिक परिवहन प्राधिकारी अंतिम स्थान संपर्कता के हित में ऐसे किस्म के किन्हीं यानों, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट किए जाएं, के संबंध में ऐसी किसी शर्त का अधित्यजन कर सकेगा।
(3) (क) राज्य सरकार, यदि उसे केन्द्रीय सरकार द्वारा यानों की संख्या, सड़क की दशा और अन्य सुसंगत विषयों को ध्यान में रखते हुए, इस प्रकार निर्दिष्ट किया जाए तो वह राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, राज्य परिवहन प्राधिकरण और प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण को यह निदेश देगी कि वह पांच लाख से अन्यून जनसंख्या वाले शहरों में नगर मार्ग पर प्रचालित होने वाली साधारणतया ठेका गाड़ी या किसी विनिर्दिष्ट किस्म की ठेका गाड़ी की संख्या को, जो अधिसूचना में नियत और विनिर्दिष्ट की जाए, सीमित करे।
(ख) जहां खंड (क) के अधीन ठेका गाड़ियों की संख्या नियत की जाती है वहां प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण, ऐसी किसी ठेका गाड़ी के परमिट की मंजूरी के लिए आवेदन पर विचार करने में, निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखेगा, अर्थात् :-
(i) आवेदक का वित्तीय स्थायित्व;
(ii) ठेका गाड़ी प्रचालक के रूप में समाधानप्रद कार्यपालन, जिसके अंतर्गत कर का संदाय भी है, यदि आवेदक ठेका गाड़ी सेवा का प्रचालक है या रहा है; और
(iii) ऐसे अन्य विषय जो राज्य सरकार द्वारा विहित किए जाएं :
परन्तु अन्य शर्ते समान रहने पर, परमिटों के लिए अधिमान निम्नलिखित से प्राप्त आवेदनों को दिया जाएगा-
(i) भारतीय पर्यटन विकास निगम;
(ii) राज्य पर्यटन विकास निगम;
(iii) राज्य पर्यटन विभाग;
(iv) राज्य परिवहन उपक्रम;
(v) सहकारी सोसाइटियाँ जो तत्समय प्रवृत्त किसी अधिनियमिति के अधीन रजिस्ट्रीकृत हैं या रजिस्ट्रीकृत की गई समझी गई हैं;
(vi) भूतपूर्व सैनिक।
(vii) स्वयं सहायता समूह ।
Grant of contract carriage permit-
(1) Subject to the provisions of sub-section (3) a Regional Transport Authority may, on an application made to it under section 73, grant a contract carriage permit in accordance with the application or with such modifications as it deems fit or refuse to grant such a permit:
Provided that no such permit shall be granted in respect of any area not specified in the application.
(2) The Regional Transport Authority, if it decides to grant a contract carriage permit, may, subject to any rules that may be made under this Act, attach to the permit any one or more of the following conditions, namely:-
(i) that the vehicles shall be used only in a specified area or on a specified route or routes;
(ii) that except in accordance with specified conditions, no contract of hiring, other than an extension or modification of a subsisting contract, may be entered into outside the specified area;
(iii) the maximum number of passengers and the maximum weight of luggage that may be carried on the vehicles, either generally or on specified occasions or at specified times and seasons;
(iv) the conditions subject to which goods may be carried in any contract carriage in addition to, or to the exclusion of, passengers;
(v) that, in the case of motorcabs, specified fares or rates of fares shall be charged and a copy of the fare table shall be exhibited on the vehicle;
(vi) that, in the case of vehicles other than motorcabs, specified rates of hiring not exceeding specified maximum shall be charged;
(vii) that in the case of motorcabs, a specified weight of passengers’ luggage shall be carried free of charge, and that the charge, if any, for any luggage in excess thereof shall be at a specified rate;
(viii) that, in the case of motorcabs, a taximeter shall be fitted and maintained in proper working order, if prescribed;
(ix) that the Regional Transport Authority may, after giving notice of not less than one month-
(a) vary the conditions or the permit;
(b) attach to the permit further conditions;
(x) that the conditions of permit shall not be departed from save with the approval of the Regional Transport Authority;
(xi) that specified standards of comfort and cleanliness shall be maintained in the vehicle;
(xii) that, except in the circumstances of exceptional nature, the plying of the vehicle or carrying of the passengers shall not be refused;
(xiii) any other conditions which may be prescribed :
Provided that the Regional Transport Authority may in the interests of last-mile connectivity waive any such condition in respect of any such types of vehicles as may be specified by the Central Government.
(3) (a) The State Government shall, if so directed by the Central Government, having regard to the number of vehicles, road conditions and other relevant matters, by notification in the Official Gazette, direct a State Transport Authority and a Regional Transport Authority to limit the number of contract carriages generally or of any specified type as may be fixed and specified in the notification, operating on city routes in towns with a population of not less than five lakhs.
(b) Where the number of contract carriages are fixed under clause (a), the Regional Transport Authority shall, in considering an application for the grant of permit in respect of any such contract carriage, have regard to the following matters, namely:-
(i) financial stability of the applicant;
(ii) satisfactory performance as a contract carriage operator including payment of tax if the applicant is or has been an operator of contract carriages; and
(iii) such other matters as may be prescribed by the State Government;
Provided that other conditions being equal, preference shall be given to applications for permits from-
(i) the India Tourism Development Corporation;
(ii) State Tourism Development Corporations;
(iii) State Tourism Departments;
(iv) State transport undertakings;
(v) co-operative societies registered or deemed to have been registered under any enactment for the time being in force;
(vi) ex-servicemen;
(vii) self-help groups.
हमारा प्रयास मोटर वाहन अधिनियम (MV Act) की धारा 74 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।