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उच्च न्यायालय एवं सत्र न्यायालय व्दारा दंड देने की शक्ति (Power to punish by High Court and Sessions Court)

नमस्कार दोस्तो, आज हम जानेगे उच्च न्यायालय एवंम् सत्र न्यायालय Power to punish by High Court and Sessions Court किसी अपराधी व्यक्ति को दंड किस तरह से दे सकते है इसके अलावा यह दंड प्रक्रिया संहिता के अन्तर्गत कोई अपराधी व्यक्ति अगर दंड का भागीदार होता है, तो सत्र न्यायालय एवंम् उच्च न्यायालय किस तरह से दंड दे सकता है।

उच्च न्यायालय एवं संत्र न्यायालय व्दारा दंड देने की शक्ति-

उच्च न्यायालय, विधि व्दारा प्राधिकृत किसी भी प्रकार का दण्डादेश दे सकते है चाहे पूर्व मे सत्र न्यायालय व्दारा किसी व्यक्ति को कोई भी दण्ड दे चुका हो।

सत्र न्यायालय या अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ऐसा कोई दण्डादेश दे सकेगा, जिसके लिये वह विधि व्दारा प्राधिकृत है । लेकिन उसके व्दारा जाने वाले मृत्युदण्ड की अवस्था मे उच्च न्यायालय व्दारा उसकी पुष्टि होना आवश्यक आवश्यक है।

सहायक सेशन न्यायाधीश मृत्यु या अजीवन कारावास या दस वर्ष से अधिक की अवधि के लिये कारावास के दण्डादेश के सिवाय कोई ऐसा दण्डादेश दे सकता है जो विधि विधि व्दारा प्राधिकृत है।

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