आईपीसी की धारा 368 | व्यपहृत या अपहृत व्यक्ति को सदोष छिपाना या परिरोध में रखना | IPC Section- 368 in hindi| Wrongfully concealing or keeping in confinement, kidnapped or abducted person.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 368 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 368 के अंतर्गत कैसे क्या सजा मिलती है और जमानत कैसे मिलती है, और यह अपराध किस श्रेणी में आता है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 368 का विवरण

भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 368 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। जो कोई यह जानते हुये कि कोई व्यक्ति व्यपहृत या अपहृत किया गया है, ऐसे व्यक्ति को सदोष छिपायेगा या परिरोध में रखेगा, तो वह धारा 368 के अंतर्गत दंड एवं जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।

आईपीसी की धारा 368 के अनुसार

व्यपहृत या अपहृत व्यक्ति को सदोष छिपाना या परिरोध में रखना-

जो कोई यह जानते हुये कि कोई व्यक्ति व्यपहृत या अपहृत किया गया है, ऐसे व्यक्ति को सदोष छिपायेगा या परिरोध में रखेगा, वह उसी प्रकार दण्डित किया जायेगा, मानो उसने उसी आशय या ज्ञान या प्रयोजन से ऐसे व्यक्ति का व्यपहरण या अपहरण किया हो जिससे उसने ऐसे व्यक्ति को छिपाया या परिरोध में निरुद्ध रखा है।

Wrongfully concealing or keeping in confinement, kidnapped or abducted person-
Whoever, knowing that any person has been kidnapped or has been abducted, wrongfully conceals or confines such person, shall be punished in the same manner as if he had kidnapped or abducted such person with the same intention or knowledge, or for the same purpose as that with or for which he conceals or detains such person in confinement.

लागू अपराध

व्यपहृत व्यक्ति को छिपाना या परिरोध में रखना।
सजा- व्यपहरण या अपहरण के लिए दंड।
यह अपराध एक गैर-जमानतीय और संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।
वह न्यायालय, जिसके द्वारा व्यपहरण या अपहरण विचारणीय है।
यह अपराध समझौते योग्य नहीं है।

जुर्माना/सजा (Fine/Punishment) का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 368 के अंतर्गत जो कोई यह जानते हुये कि कोई व्यक्ति व्यपहृत या अपहृत किया गया है, ऐसे व्यक्ति को सदोष छिपायेगा या परिरोध में रखेगा।वह उसी प्रकार दण्डित किया जायेगा, मानो उसने उसी आशय या ज्ञान या प्रयोजन से ऐसे व्यक्ति का व्यपहरण या अपहरण किया हो जिससे उसने ऐसे व्यक्ति को छिपाया या परिरोध में निरुद्ध रखा है।

जमानत (Bail) का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 368 अंतर्गत जो अपराध कारित किए जाते है वह अपराध दंड प्रक्रिया संहिता में गैर-जमानतीय (Non-Baileble) अपराध की श्रेणी में आते है, इसलिए इस धारा के अंतर्गत किए गए अपराध में जमानत नही मिल सकेगी।

अपराधसजाअपराध श्रेणीजमानतविचारणीय
व्यपहृत व्यक्ति को छिपाना या परिरोध में रखना।व्यपहरण या अपहरण के लिए दंड।संज्ञेयगैर-जमानतीयवह न्यायालय, जिसके द्वारा व्यपहरण या अपहरण विचारणीय है।

हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 368 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके पास कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

1 thought on “आईपीसी की धारा 368 | व्यपहृत या अपहृत व्यक्ति को सदोष छिपाना या परिरोध में रखना | IPC Section- 368 in hindi| Wrongfully concealing or keeping in confinement, kidnapped or abducted person.”

  1. Sir mera name narender h m janpad bijnor Bundra Khurd mera Gaon h sir meri sagi chachi do ladkiyo ko lekr farar h or kisi ko kuch bta kr nahi gyi h pta ni kaha gyi h kuch pta ni chal rha h or chachi ke bacche bhi unke sath h or hm bekasoor h hmari to koi baat bhi ni hoti thi na hmare sathe rehti thi police ne hmpr jor Daal rkha h ki dhundo ya hm pr 368 ki dhara lg jayegi sir jo apradh hm ne kiya hi nahi h to hm jante hi nahi h to kya sir hm pr ye dhara lg jayegi Agar lg jayegi to kese bach skte h

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