सीआरपीसी की धारा 357C | पीड़िता का उपचार | CrPC Section- 357C in hindi| Treatment of victims.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 357C के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 357C कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 357C का विवरण

दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 357C के अन्तर्गत सभी अस्पताल, लोक या प्राइवेट, चाहे केन्द्रीय सरकार, राज्य सरकार, 357 स्थानीय निकायों या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा संचालित हो, भारतीय दण्ड संहिता, (1860 का 45) की धारा 326-क, 376, [धारा 376क, धारा 376कख, धारा 376ख, धारा 376ग, धारा 376घ, धारा 376घक, धारा 376घख] या धारा 376-ङ के अधीन आने वाले किसी अपराध की पीड़िता को तत्काल निःशुल्क प्राथमिक या चिकित्सीय उपचार उपलब्ध करायेंगे और ऐसी घटना की पुलिस को तत्काल सूचना देंगे।

सीआरपीसी की धारा 357C के अनुसार

पीड़िता का उपचार-
सभी अस्पताल, लोक या प्राइवेट, चाहे केन्द्रीय सरकार, राज्य सरकार, 357 स्थानीय निकायों या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा संचालित हो, भारतीय दण्ड संहिता, (1860 का 45) की धारा 326-क, 376, [धारा 376क, धारा 376कख, धारा 376ख, धारा 376ग, धारा 376घ, धारा 376घक, धारा 376घख] या धारा 376-ङ के अधीन आने वाले किसी अपराध की पीड़िता को तत्काल निःशुल्क प्राथमिक या चिकित्सीय उपचार उपलब्ध करायेंगे और ऐसी घटना की पुलिस को तत्काल सूचना देंगे।

Treatment of victims-
All hospitals, public or private, whether run by the Central Government, the State Government, local bodies or any other person, shall immediately, provide the first-aid or medical treatment, free of cost, to the victims of any offence covered under Section 326-A, 376, 1[376A, 376AB, 376B, 376C, 376D, 376DA, 376DB] or Section 376-E of the Indian Penal Code (45 of 1860), and shall immediately inform the police of such incident.

हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 357C की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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